Friday, May 03, 2024
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Exclusive: कैसे दिल्ली पुलिस ने 3 जून को शाहीन बाग़ आन्दोलन फिर से शुरू करने के मंसूबों पर पानी फेरा

दिल्ली में शाहीन बाग को फिर से रिवाइव करने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में 3 जून को शाहीन बाग में धरना शुरु करने की एक बड़ी कोशिश की गई थी।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 04, 2020 23:57 IST
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नई दिल्ली: दिल्ली में शाहीन बाग को फिर से रिवाइव करने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में 3 जून को शाहीन बाग में धरना शुरु करने की एक बड़ी कोशिश की गई थी। खुफिया तरीके से यह कोशिश की गई कि इसकी भनक पुलिस को न लगे और अचानक लोग इक्टठे हो जाएं। इसके लिए पिछले 4 दिन से व्हाट्सअप मैसेज भेजकर लोगों से प्रोटेस्ट ज्वाइन करने को कहा गया। इस कैंपेन का नाम रखा गया 'सब याद रखा जाएगा'।

पुलिस को चकमा देने के लिए इस बार पुराने व्हाट्सपऐप ग्रुप या पुराने ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल नहीं किया गया। इस बार नए नामों से नए व्हाट्सप ऐप ग्रुप बनाए गए। हमारे रिपोर्टस ने इसमें से बहुत सारे मैसेज ढूंढ निकाले।आप देख सकते हैं असली प्लान को छुपाने के लिए इस प्लान को एक नेशन वाइड प्रोटेस्ट का नकाब पहनाया गया। यह भी पता चला कि पिछले 4-5 दिनों से शाहीन बाग और जामिया के इलाकों में घरों में गुपचुप मीटिंग्स चल रही है। इस बात का प्लान बनाया जा रहा था कि महिलाएं बच्चों को लेकर धरना देने कैसे पहुंचे। इसमें तय हुआ कि महिलाएं धरना देने के लिए अचानक पहुंचे ताकि पुलिस को एक सरप्राइज मिले।

व्हाट्सएप से मिली जानकारी

इंडिया टीवी रिपोर्टर्स को ये भी पता चला कि इस बार पुलिस को इन वहाट्सअप मैसेज के बारे में पिछले 4-5 दिन से लगातार जानकारी मिल रही थी। पुलिस को इस सीक्रेट प्लान के बारे में पता चल गया था। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और शाहीन बाग में फोर्स तैनात कर दी गई। जिस जगह धरना करने वाले लोग अपना तंबू लगाने वाले थे वहां पुलिस ने अपना टेंट लगा दिया। जामिया मिलिया इस्लामिया में भी अब पुलिस तैनात है। इस बार व्हाट्सपऐप पर जो मैसेज भेजे गए हैं उसको भी एनालाइज किया गया। बहुत से मैसेज में जामिया और जेएनयू के छात्रों की गिरफ्तारी को मुद्दा बनाया गया है।

मैसेज में थे गिरफ्तार लोगों के नाम

पिछले 3 महीने में पुलिस ने दिल्ली में दंगा फैलाने, अफवाह फैलाने और भावनाएं भड़काने के लिए जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनके नाम इन मैसेजेस में हैं। इन मैसैज में जेएनयू के एक्टिविस्ट शर्जील इमाम, इशरत जहां, खालिद सैफी और  शिफा उर रहमान के नाम हैं। जामिया से शफूरा जरगर, मीरन हैदर और आसिफ इकबाल जैसे नाम हैं। मैसेज में कहा गया कि प्रोटेस्ट की कॉल देश भर की करीब 200 संगठनों की तरफ से दी गई है। इन सारे संगठनों के नाम भी हैं।

सीपीएम और सीपीआई से जुड़े संगठन

जब इंडिया टीवी ने इन नामों की जांच की तो पता चला सारे संगठन और ग्रुप्स कम्युनिस्टों के हैं। इनमें से ज्यादातर सीपीएम और सीपीआई से जुड़े संगठन और ग्रुप्स हैं। कुछ संगठन बाकी के वामपंथी दलों से जुड़े हैं। इंडिया टीवी को पता चला कि ये वही ग्रुप हैं जो CAA और NRC के खिलाफ चले आंदोलन के पीछे थे। इनके फ्रंट पर मुस्लिम स्टूंडेट हैं,मुस्लिम महिलाएं हैं लेकिन पीछे से वामपंथी संगठनों की ताकत है। अब स्थिति ये है कि पुलिस के अलर्ट होने की वजह से शाहीन बाग में कुछ नहीं हो पाया। वहां पुलिस तैनात है। जामिया के गेट पर और सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के नीचे भी पुलिस तैनात कर दी गई है।

 

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