Friday, May 03, 2024
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India TV Exclusive: हामिद मीर ने कहा, ‘...तो तालिबान पर पाकिस्तान का प्रभाव कमजोर हो जाएगा’

हामिद मीर ने कहा कि कल भी काबुल की पुरचरखी जेल से जो कुछ लोग छूटे हैं उनमें ऐसे कई लोग हैं जो पाकिस्तान में वॉन्टेड हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 18, 2021 18:09 IST
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Image Source : INDIA TV पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट हामिद मीर ने कहा कि अधिकांश पाकिस्तानी तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे को लेकर सजग हैं।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट हामिद मीर ने इंडिया टीवी के साथ एक खास बातचीत में कहा है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद उनके मुल्क के कुछ लोग भले ही खुशियां मना रहे हों लेकिन अधिकांश पाकिस्तानी इसे लेकर काफी सजग हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि जैसे-जैसे अफगानिस्तान पर तालिबान की पकड़ मजबूत होती जाएगी, पाकिस्तान का प्रभाव उस पर कमजोर होता जाएगा। हामिद मीर ने कहा कि तालिबान के लोग पहले पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ भी लड़ाइयों में शामिल रह चुके हैं।

‘दुनिया के हर मुल्क में 2 तरह के लोग हैं’

पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट हामिद मीर ने कहा, ‘दुनिया के हर मुल्क की तरह पाकिस्तान में भी 2 तरह के लोग हैं। एक ऐसे हैं जो अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काफी खुश हैं। जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर सिराजुल हक तो तालिबान को मुकाबरकबाद दे रहे हैं, और भी कुछ धड़े तालिबान की कामयाबी पर खुश हैं। लेकिन कुल मिलाकर अधिकांश पाकिस्तानी तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे को लेकर सजग हैं।’ उन्होंने कहा कि तालिबान के लोग पहले पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ भी लड़ाइयों में शामिल रह चुके हैं।

‘पाकिस्तानियों को सावधानी बरतनी चाहिए’
हामिद मीर ने कहा, 'कल भी काबुल की पुरचरखी जेल से जो कुछ लोग छूटे हैं उनमें ऐसे कई लोग हैं जो पाकिस्तान में वॉन्टेड हैं।' इसलिए हमारे वजीर-ए-आजम इमरान खान साहब ने तो कह दिया कि गुलामी की जंजीरें टूट गई हैं लेकिन वह ये भूल गए हैं कि तालिबान को ये गुलामी की जंजीरें पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ मिलकर पहनाई थीं। जब परवेज मुशर्रफ साहब पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे तब पाकिस्तानी सरकार ने अमेरिका को फौजी अड्डे दिए जहां से तालिबान पर बमबारी होती थी। इसलिए मुझे लगता है कि पाकिस्तानियों को इस मुद्दे पर सावधानी बरतनी चाहिए।

‘तालिबान पर पाकिस्तान का प्रभाव कमजोर होगा’
पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट ने कहा, ‘आज से 20 साल पहले पाकिस्तान से दुनिया ने कहा था कि तालिबान को बामियान में भगवान बुद्ध की मूर्तियां तोड़ने से रोके, लेकिन तालिबान ने बात नहीं मानी। इसी तरह 9/11 के बाद ओसामा बिन लादेन को सौंपने की बात भी पाकिस्तान ने तालिबान से की थी, लेकिन उन्होंने इसे भी अस्वीकार कर दिया। ऐसा नहीं है कि तालिबान के लोग पाकिस्तान की सारी बातें मानते थे। सिर्फ इतना ही नहीं, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तो 9 साल पाकिस्तान की जेल में रहे। जैसे-जैसे वक्त गुजरेगा, तालिबान पर पाकिस्तान का प्रभाव कमजोर होता जाएगा, जो कि पहले ही बहुत ज्यादा नहीं है।’

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