भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री यहां शौर्य स्मारक का उद्घाटन करने पहुंचे हैं। देश में यह अपनी तरह का पहला शौर्य स्मारक है। शाम 4 बजकर 10 मिनट पर उनका विमान भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट पर उतरा जहां राज्यपाल ओपी कोहली और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया।
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पीएम का भाषण लाइव
- वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा किया। इसे चार किस्त में देने का फैसला किया है। सरकार पर भारी आर्थिक बोझ है। साढ़े पांच हजार करोड़ वितरित हो चुके हैं। हवलदार जिसने 17 साल फौज में काम कर रिटायर हुआ। उसे पहले 4090 रुपया मिलता था। अब उसे करीब- 7600 रुपया मिलना शुरू हुआ.. 30 फीसदी से भी ज्यादा इजाफा।
- सातवां पे कमिशन ने कहा है कि सिक्थ पे कमीशन से 2.75 गुना बढ़ाया जाए। लेकिन हमने कहा कि सिक्श पे कमिशन के आधार पर फौज को कम फायदा होगा। ओआरओपी के आधार पर सेवन पे कमिशन मिलेगा। इससे ज्यादा फायदा होगा।
- शौर्य स्मारक हमारे लिए तीर्थ है। लोग हमारे सैनिकों की जिंदगी से प्रेरणा लेंगे। कवियों ने भी वीर सैनिकों पर काफी कुछ लिखा।
- माखनलाल चतुर्वेदी की कविता का जिक्र करते हुए कहा-मुझे तोड़ लेना तुम वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक।
- रामधारी सिंह दिनकर की कविता का जिक्र- कलम आज उनकी जय बोल.. जला अस्थियां बारी-बारी.. जिनने छिटकाई चिंगारी.... चढ़ गए जो पुण्यवेदी पर... लिए बिना गर्दन का मोल...
- सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है। हमारे रक्षा मंत्री भी बोलते नहीं हैं।
- सेना का सबसे बड़ा शस्त्र उसका मनोबल होता है। यह ताकत शस्त्र से नहीं आती है। सवा सौ करोड़ देशवासियों का साथ मिलने से सेना का भी मनोबल बढ़ता है।
- भारत ने कभी जमीन के लिए युद्ध नहीं किया। जीवन-मरण की जंग हुई तो भारतीय सेना कभी पीछे नहीं हटी। पहले और दूसरे विश्व युद्ध में डेढ़ लाख सैनिकों ने बलिदान दिया।
- गल्फ के देशों में जब संकट पैदा हुआ तो भारतीय सेना ने भारतीय लोगों के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों के लोगों की जान बचाने का काम किया। यहां तक कि पाकिस्तान के लोगों को भी बचाकर लाने का काम भारतीय सेना ने किया।
- पूरी दुनिया में भारतीय सेना का कोई मुकाबला नहीं, विश्व में शांति के लिए जुटे शांति सैनिकों में सबसे ज्यादा सैनिक भारत के हैं। नैतिकता की धरातल पर भारतीय सेना ने पूरी दुनिया को जीतने का काम किया है।
- श्रीनगर में भयंकर बाढ़ में सेना ने लोगों को बचाया
- सरकार के लिए जब काम कठिन हो गया तो सेना के जवानों ने श्रीनगर में लोगों को बचाने के लिए अपने आप को खपाया
- सेना ने लोगों को बचाने में कभी यह नहीं सोचा हम जिन लोगों को बचा रहें ये कभी हमपर पत्थर मारते हैं. आंखें फोड़ देते हैं.. सर फोड़ देते हैं... लेकिन सेना ने मानवता की ललकार सुनी और इन लोगों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपनी जान पर खेलते हुए श्रीनगर के लोगों को बचाने का काम किया।
- सैन्य बल मानवता की मिसाल
- प्राकृतिक संकट में हर वक्त सेना हमारे साथ
- केदारनाथ के संकट को याद कीजिए.. सेना ने लोगों को बचाया