Saturday, April 27, 2024
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Rajat Sharma’s Blog: बाजारों में भारी भीड़ से कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका

हमारे रिपोर्टर्स ने डॉक्टर्स से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर तीसरी लहर ने शहरों में दस्तक दी तो फिर मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा भारी दबाव आ जाएगा।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: November 02, 2021 15:58 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

आज मैं आपको एक बड़े खतरे को लेकर अलर्ट करना चाहता हूं। पिछले एक हफ्ते में देश के मुख्य शहरों के बड़े बाजारों में दिवाली की खरीददारी के लिए जिस तरह से लोगों की भीड़ उमड़ी है उससे करोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है।

केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से बार-बार अलर्ट करने के बावजूद कोरोना की रोकथाम के लिए तय गाइडलाइंस की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बाजारों में ज्यादातर खरीददारी करनेवाले लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। लोग बड़ी लापरवाही कर रहे हैं। उनके अंदर यह गलत धारणा है कि कोरोना महामारी की एक और लहर का खतरा नहीं है। ज्यादातर लोग कह रहे हैं कि अब कोरोना चला गया है।

ये सही है कि फिलहाल कोरोना का खौफ़ खत्म हो गया है और इसकी रफ्तार बहुत धीमी पड़ गई है। ये भी सही है कि भारत ने कोरोना को जिस तरह से कन्ट्रोल किया उसकी पूरी दुनिया तारीफ कर रही है। भारत ने एक अरब से ज्यादा लोगों को वैक्सीन डोज देकर एक नई सफलता अर्जित की है। लेकिन ये भी सही है कि कोरोना कहीं नहीं गया है। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है और उसका खतरा बरकरार है। दुनिया के कई हिस्सों में यह बड़े पैमाने पर लोगों की जिंदगियां लील रहा है। यहां पर लोग इसलिए बैखौफ हैं क्योंकि कोरोना के नए मरीजों की संख्या रोज घट रही है।

पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना के 12,514 नए मामले सामने आए और दैनिक पॉजिटिविटी रेट अब 1.42 प्रतिशत है। लेकिन दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, भोपाल और पटना जैसे तमाम शहरों से जो तस्वीरें आईं उससे ऐसा लग रहा है कि हम फिर वही गलती कर रहे हैं जो पहली लहर के बाद की थी। नतीजा ये हुआ था कि देश को अप्रैल और मई महीने में पहली लहर से ज्यादा खतरनाक हालात का सामना करना पड़ा। कोरोना और ज्यादा खौफनाक बनकर लौटा था। लाखों लोग एक-एक सांस के लिए तड़प रहे थे। अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई थी। श्मशान और कब्रिस्तान शवों से पटे हुए थे। कोरोना से मरनेवाले हजारों लोगों का रोजाना अंतिम संस्कार किया जा रहा था।

अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में सोमवार की रात मैंने आपको दिल्ली के मुख्य बाजारों जैसे-सदर बाजार, चांदनी चौक, भगीरथ पैलेस, सरोजिनी नगर, लाजपत नगर, गांधी नगर और लक्ष्मी नगर के दृश्य दिखाए। यहां दुकानों पर जबरदस्त भीड़ थी। लोगों के खड़े होने तक की जगह नहीं थी। सोशल डिस्टेंसिंग का तो कहीं नामो-निशान तक नहीं था।

हमारे रिपोर्टर्स ने कई दुकानदारों और व्यापारियों से बात की। एक दुकानदार ने कहा- वैक्सीनेशन के बाद लोगों ने इस महामारी से डरना छोड़ दिया है। मास्क नहीं पहनने वाले अधिकांश लोगों ने हमारे रिपोर्टर्स से कहा कि अब कोरोना का डर खत्म हो गया है और मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। अप्रैल और मई महीने में दिल्ली को जिस तरह के डर ने अपनी चपेट में लिया था, अब वैसा नहीं है। हमें याद रखना चाहिए कि मई महीने में दिल्ली के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन नहीं मिल रहे थे। ऑक्सीजन के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा था। हॉस्पिटल्स के बाहर एंबुलेंस और कार में मरीज तड़प रहे थे। श्मशानों और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार के लिए 24 से 48 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा था।

अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर की मार झेलने वाले शहर मुंबई और अहमदाबाद के मुख्य बाजारों में भी इसी तरह की भीड़ देखने को मिली। अहमदाबाद के तीन दरवाजा बाजार में दुकानों के बाहर खरीददारी करनेवालों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

हमारे रिपोर्टर्स ने डॉक्टर्स से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर तीसरी लहर ने शहरों में दस्तक दी तो फिर मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा भारी दबाव आ जाएगा। डॉक्टर्स ने कहा कि लोगों को इस गलत धारणा में नहीं रहना चाहिए कि वैक्सीन की दोनों खुराक उनके लिए रामबाण है। इस महामारी को रोकने के लिए कोरोना के गाइडलाइंस का पालन करते हुए उचित व्यवहार अपनाना जरूरी है। पटना के खेतान मार्केट और लखनऊ के भूतनाथ मार्केट में भी दिवाली की शॉपिंग के लिए भारी भीड़ नजर आई। इन दोनों जगहों पर भी सैकड़ों की संख्या में ऐसे खरीददार नजर आए जिन्होंने मास्क नहीं पहन रखा था।

दूसरे देशों जो हुआ उससे हमें सीख लेनी चाहिए। रूस मौजूदा समय में कोरोना की एक बड़ी लहर से जूझ रहा है। यहां लोगों  ने लापरवाही बरती और सरकार की अपील पर ध्यान नहीं दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि एक बार फिर कोरोना का विस्फोट हो गया। अब रूस में रोज 40 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। यह हाल तब है जब रूस की 70 प्रतिशत आबादी को कोरोना वैक्सीन की एक डोज़ और 33 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को वैक्सीन की डबल डोज दी जा चुकी है। लेकिन रूस में 24 घंटे में कोरोना के करीब 40 हज़ार नए केस सामने आए और 1,131 लोगों की मौत हुई। रूस में भारत जितनी भीड़ भी नहीं है इसके बावजूद फिर वहां कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है। मॉस्को में 30 अक्टूबर से 7 नवंबर तक का लॉकडाउन लगाना पड़ा है। 60 साल से ज्यादा उम्र के जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली है, उन्हें घर पर ही रहने को कहा गया है।

दिवाली की खरीददारी के लिए लोग बाजारों में निकले हैं और जबरदस्त भीड़ है। ये तो नजर आ रहा है, इसके अलावा पार्टियां भी हो रही हैं और लोगों का मिलना-जुलना बढ़ गया है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान गिरावट का सामना करनेवाली भारतीय अर्थव्यवस्था में अब तेजी आ रही है। यह हम सबके लिए अच्छी खबर है लेकिन हमें इस बात का भी पूरा ध्यान रखना है कि महामारी की एक नई लहर को रोका जा सके।

पाबंदियां हटने के बाद भी कोरोना के मामलों में लगातार कमी आ रही है।  सिनेमा, शॉपिंग मॉल, स्कूल और कॉलेज फिर से खुल गए हैं, लोगों को लगता है कि अब मामले नहीं बढ़ेंगे। लेकिन सावधानी समय की जरूरत है। दूसरी बात ये कि लोग अब घरों में बंद रहते रहते थक गए हैं। कहीं-कहीं ऐसी फीलिंग है कि जब तक मामले कम हैं और पाबंदियां कम है तब जितना बाहर घूमना है घूम लो, जितनी शॉपिंग करनी है कर लो और जितना लोगों से मिलना है मिल लो। क्योंकि ना जाने कब फिर से घरों में बंद रहने की नौबत आ जाए। तीसरी वजह ये कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है, उनका डर खत्म हो गया है। वो मानते हैं कि अब कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा।

लेकिन डॉक्टर्स और मेडिकल एक्सपर्ट्स की तो अभी भी यही राय है कि सावधानी बरतना जरुरी है। पिछले कुछ महीनों में जो मामले कम हुए हैं वो इसलिए कि लोगों ने सावधानी बरती। कुछ डॉक्टर्स ने मुझे ये भी कहा कि हमारे देश में बड़ी संख्या में लोग कोरोना के शिकार हो चुके हैं। कुछ को पता चला और कुछ इससे अनजान रहे। लेकिन बड़ी संख्या में लोगों में एंटीबॉडी डेवलप हुई है और खतरा कम है। लेकिन कोरोना कहीं गया नहीं है। यह वायरस अभी भी हमारे आसपास है। यह अभी भी खतरनाक है। इसलिए अगर थोड़े दिन और संयम बरता गया तो बचे रहेंगे। कोई नहीं चाहता कि रूस जैसे हालात हमारे देश में भी बनें। और ये सब जानते हैं कि कोरोना को दूर कैसे रखा जा सकता है। संभल कर रहना इतना मुश्किल भी नहीं है। बस जब भी बाहर जाएं मास्क लगाए रखिए। मास्क लटकाएं नहीं, ना ही उसे जेब में रखें। मास्क से नाक औऱ मुंह को ढंक कर रखें।

याद रखें, यह कोरोना से जंग का आखिरी फेज है। अगर सब मिलकर प्रय़ास करेंगे तो ये जंग जरूर जीतेंगे। दिवाली का मौका है तो यह उत्सव पूरी खुशी से मनाना चाहिेए। आप इस उत्सव को जरूर मनाइए। खरीददारी करने जरूर जाइए। धनतेरस पर जी भर के खरीददारी करिए लेकिन मास्क लगाए रखिए। कोरोना को भूलिए मत। यह याद रखिए कि कहीं घर की सजावट के सामान के साथ, पटाखों के साथ कोरोना भी घर न ले आएं। ये मत भूलिए कि कोरोना का कोई इलाज नहीं हैं। वैक्सीन कोरोना से सुरक्षा देती है। यह ऐसा सुरक्षा कवच है जो कोरोना के घातक असर को कम करती है। लेकिन वैक्सीन लेने के बाद कोरोना नहीं होगा, ऐसा बिल्कुल मत सोचिए। सावधान रहिए, खुद भी बचिए और दूसरों को भी बचाइए। इसी में भलाई है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 01 नवंबर, 2021 का पूरा एपिसोड

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