Friday, March 29, 2024
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Rajat Sharma’s Blog: क्यों बेहद जरूरी है 70 फीसदी भारतीयों का वैक्सीनेशन

देश के ऊपर तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है और अगर हम समय रहते सतर्क नहीं हुए तो हमारे यहां भी ऐसे हालात हो सकते हैं जैसे आजकल ऑस्ट्रेलिया में हैं।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: June 30, 2021 17:58 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

भारत में महामारी का खतरा अभी भी बना हुआ है और लोग फिर भी कोविड-19 से जुड़ी गाइडलाइंस की खुलेआम धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। देश के ऊपर तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है और अगर हम समय रहते सतर्क नहीं हुए तो हमारे यहां भी ऐसे हालात हो सकते हैं जैसे आजकल ऑस्ट्रेलिया में हैं। ऑस्ट्रेलिया में अभी तमाम तरह की पाबंदियां लागू हैं, लेकिन इसके बावजूद वहां कोरोना के मामलों में अचानक उछाल देखने को मिल रहा है। आरटी-पीसीआर की जांच करवाने के लिए टेस्टिंग सेंटर्स के बाहर लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। ऑस्ट्रेलिया के 4 बड़े शहरों सिडनी, पर्थ, ब्रिस्बेन और डार्विन में लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है, और देश की लगभग आधी आबादी को घरों में रहने का आदेश दिया गया है।

ग्रेटर सिडनी में, जहां 50 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, अब 9 जुलाई तक 2 सप्ताह का लॉकडाउन लगा दिया गया है। यह वायरस न्यू साउथ वेल्स में फैलता जा रहा है। सिंगापुर ने ऑस्ट्रेलिया से आने वाले सभी यात्रियों के लिए एक सप्ताह के अनिवार्य क्वारंटीन का आदेश दिया है। ऑस्ट्रेलिया में 2 करोड़ की वयस्क आबादी में से अब तक 5 प्रतिशत से भी कम लोगों को टीका लगाया गया है, जिसे लेकर सरकार को जनता की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अब सभी वयस्कों को एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगाने का फैसला किया है। अब तक वहां सिर्फ 50 साल से ऊपर के लोगों का ही टीकाकरण हो रहा था।

इस समय ऑस्ट्रेलिया में जो हो रहा है उससे हमें सबक सीखना चाहिए। कोरना महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिए भारत की कम से कम 70 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन जरूरी है। मंगलवार को केंद्र सरकार ने अमेरिका निर्मित मॉडर्ना वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी। कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक वी के बाद यह चौथी कोविड वैक्सीन है जिसे भारत में इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है। भारतीय फार्मा कंपनी सिप्ला भारत में मॉडर्ना वैक्सीन का आयात करेगी। अमेरिका में ही निर्मित फाइजर वैक्सीन को भी भारत में इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए बातचीत चल रही है। इसलिए वैक्सीन की कोई कमी नहीं होगी। अब हमें वैक्सीन को लेकर लोगों की झिझक से लड़ना है। लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाना चाहिए कि वैक्सीनेशन ही तीसरी लहर को दूर रखने का एकमात्र तरीका है।

मैं 4 ऐसे देशों का उदाहरण देना चाहता हूं जहां बड़े पैमाने पर हुए कोविड वैक्सीनेशन ने चमत्कार किया है और अब वहां महामारी का प्रकोप थम गया है।

सबसे पहला उदाहरण है अमेरिका का, जहां हर 3 महीने के बाद महामारी की एक नई लहर देखने को मिल रही थी। इस देश में लाखों लोग मौत के मुंह में चले गए। यहां की 20 फीसदी आबादी को वैक्सीन की सिंगल डोज लगे 5 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अगली लहर नहीं आई। आज अमेरिका में 15.42 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। यह देश की आबादी का करीब 46.4 फीसदी है। वहीं, 54.2 फीसदी अमेरिकियों को अब तक वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है।

दूसरा देश है यूके, जहां हर 3 महीने के बाद महामारी की एक नई लहर आ जाती थी, लेकिन जब 20 फीसदी आबादी को वैक्सीन की डोज लग गई, तो कोरोना के नए मामलों में तेजी से कमी आने लगी। पहले 65,000 नए केस रोज आते थे, लेकिन अब नए मामलों की संख्या घटकर 10,000 के आसपास रह गई है।

तीसरा देश है इटली, जहां 3 महीने बाद दूसरी लहर आई और इसके 4 महीने के बाद तीसरी लहर आ गई। जब इटली में 20 फीसदी आबादी को टीके की पहली डोज दी गई, तो मामलों की संख्या तेजी से घटने लगी। अब अगले महीने से इटली में लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क के घूमने-फिरने की इजाजत दी जा सकती है।

चौथा उदाहरण फ्रांस का है, जहां हर 3 महीने बाद महामारी की नई लहर आती थी। फरवरी तक फ्रांस में 20 फीसदी लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई, और अब 4 महीने बाद नए मामलों की संख्या में कमी आनी शुरू हो गई है।

भारत में अब तक 33,28,54,527 लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। यह 20 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा है। यदि हम ऊपर बताए गए 4 देशों के ट्रेंड पर जाएं, तो तीसरी लहर आने की संभावना कम ही लगती है। लेकिन सावधान रहना जरूरी है। हमें अगले 2 से 3 महीनों के लिए सार्वजनिक जगहों पर कोविड से जुड़े सभी प्रोटोकॉल्स और गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए। यदि इस साल के अंत तक देश के कम से कम 70 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन हो जाता है तो हम निश्चित रूप कह सकेंगे कि महामारी का खतरा टल गया है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 29 जून, 2021 का पूरा एपिसोड

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