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Rajat Sharma's Blog: राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न सिर्फ नरेन्द्र मोदी सरकार की विश्वसनीयता और रक्षा सौदों में ईमानदारी साबित हुई बल्कि राहुल गांधी की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर कई सारे सवाल खड़े हो गए।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : November 15, 2019 18:42 IST
Rajat Sharma's Blog: Supreme Court verdict on Rafale raises questions over Rahul's credibility - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: Supreme Court verdict on Rafale raises questions over Rahul's credibility 

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने फ्रांस के साथ हुई राफेल डील में मोदी सरकार को क्लीन चिट देने के अपने पिछले साल के फैसले की समीक्षा करने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। फ्रांस सरकार के साथ इंटर-गवर्मेंट डील के तहत हथियारों और अन्य आधुनिक तकनीकी से लैस 36 विमानों की खरीद के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मोदी सरकार को क्लीन चिट दी थी। 

यह देखते हुए कि बेसिक राफेल जेट की कीमत यूपीए सरकार के समय में तय की गई कीमत से मामूली तौर पर कम थी, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को एक ऑफसेट पार्टनर तौर पर शामिल करने के लिए सरकार जिम्मेदार थी। कोर्ट ने कहा कि ऑफसेट पार्टनर को फ्रांस की जेट निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने चुना था। 

याचिका खारिज होने के बाद भी राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रवक्ता ने बृहस्तिवार को जस्टिस के.एम. जोसेफ के आदेश के कुछ हिस्सों का जिक्र करते हुए यह दावा किया कि इस मामले में जांच का आदेश देने का दरवाजा अभी-भी खुला हुआ है। सच्चाई यह है कि शीर्ष अदालत ने सभी समीक्षा याचिकाओं को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है, खास तौर से प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा द्वारा दायर की गई याचिकाओँ को, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत आरोप लगाए थे।

इस साल लोकसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी लगातार राफेल डील को लेकर तरह-तरह के आरोपों के जरिये पीएम मोदी पर हमला करते रहे और उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी सरकार आएगी तो वो नरेंद्र मोदी को जेल भेज देंगे। जब सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 14 दिसंबर को सरकार को क्लीन चिट देते हुए ये फैसला दिया कि राफेल सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो याचिकाकर्ताओं ने फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिकाएं दाखिल की। फिर से अपने आरोप दोहराए। आखिकार गुरुवार को इन सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

कुल मिलाकर, सच तो ये है कि इस तरह के आरोपों से पूरी दुनिया में भारत की छवि को बेहद नुकसान पहुंचा है। इतना ही नहीं देश की रक्षा के लिए हथियार खरीदने में भारत की नेगोशिएट (बातचीत) करने की ताकत को आघात पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न सिर्फ नरेन्द्र मोदी सरकार की विश्वसनीयता और रक्षा सौदों में ईमानदारी साबित हुई बल्कि राहुल गांधी की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर कई सारे सवाल खड़े हो गए।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इसी से जुड़े फैसले में राहुल गांधी को भी फटकार लगाई। राहुल गांधी ने राफेल से जुड़े फैसले का जिक्र करते हुए यह कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस बात पर मुहर लगा दी है कि 'चौकीदार चोर है'। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'निश्चित रूप से (राहुल) गांधी को भविष्य में और अधिक सावधान रहने की जरूरत है'। हालांकि, शीर्ष अदालत ने राहुल की बिना शर्त माफी को स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही को रद्द कर दिया। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 14 नवंबर 2019 का पूरा एपिसोड

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