Friday, April 26, 2024
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चारधाम राजमार्ग परियोजना को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी, पर्यावरण के मुद्दे पर नई समिति गठित की

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के एक आदेश में सुधार के साथ उत्तराखंड के चार पवित्र नगरों को सभी मौसम में जोड़ने वाली 900 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना को हरी झंडी दे दी है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 16, 2019 17:51 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Supreme Court

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के एक आदेश में सुधार के साथ उत्तराखंड के चार पवित्र नगरों को सभी मौसम में जोड़ने वाली 900 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना को हरी झंडी दे दी है। न्यायालय ने पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर विचार के लिये एक नयी उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की है। न्यायालय ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को आदेश दिया कि 22 अगस्त तक इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया जाये। गैर सरकारी संगठन सिटीजंस फॉर ग्रीन दून ने हरित अधिकरण के पिछले साल 26 सितंबर के आदेश के बाद शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।

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अधिकरण ने व्यापक जनहित के मद्देनजर इस परियोजना को मंजूरी दी थी। शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने वाले संगठन का दावा है कि इस परियोजना से इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी। न्यायमूर्ति रोहिन्टन फली नरिमन और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 26 सितंबर, 2018 के आदेश में संशोधन करते हुये एक नयी उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन कर दिया। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने इसमें 

अहमदाबाद स्थित भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग से भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के एक प्रतिनिधि, देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान के एक प्रतिनिधि, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के एक प्रतिनिधि, सीमा सड़क मामलों से संबंधित रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधित्व को शामिल किया है। शीर्ष अदालत ने समिति को निर्देश दिया है कि वह चार महीने के भीतर अपनी सिफारिशें न्यायालय में पेश करे। इसके बाद, यह समिति तीन तीन महीने पर अपनी बैठक करेगी ताकि उन पर अमल सुनिश्चित किया जा सके और वह प्रत्येक समीक्षा बैठक के बाद अगले उपायों के लिये नये सुझाव दे सके। पीठ ने कहा कि समिति समूची हिमायल घाटी पर चारधाम परियोजना के कुल और अलग अलग असर का आकलन करेगी और इस मकसद से पर्यावरण प्रभाव आकलन के लिये उच्चाधिकार प्राप्त समिति निर्देश देगी। 

न्यायालय ने कहा कि इस परियोजना के पर्यावरण और सामाजिक जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव को न्यूनतम करने के इरादे से उच्चाधिकार प्राप्त समिति को विचार करना चाहिए कि क्या संपूर्ण चारधाम परियोजना में आमूलचूल परिवर्तन करना चाहिए? समिति उन स्थानों की पहचान करेगी जहां खनन कार्य शुरू हो गया है और उस क्षेत्र को सुदृढ़ करने और इसके मलबे के सुरक्षित निस्तारण के उपायों की सिफारिश करेगी।

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