Saturday, May 18, 2024
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"शादी तोड़ने के लिए तीन तलाक सबसे खराब तरीका"

केन्द्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि अगर अदालत तीन तलाक को अमान्य और असंवैधानिक करार देती है तो वह मुसलमानों के बीच शादी और तलाक के नियमन के लिए एक कानून लाएगी।

India TV News Desk
Published on: May 15, 2017 13:56 IST
Three divorce is the worst way to break the marriage- India TV Hindi
Three divorce is the worst way to break the marriage

नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि अगर अदालत तीन तलाक को अमान्य और असंवैधानिक करार देती है तो वह मुसलमानों के बीच शादी और तलाक के नियमन के लिए एक कानून लाएगी। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ से कहा, अगर अदालत तुरंत तलाक (तीन तलाक) के तरीके को निरस्त कर देती है तो केन्द्र सरकार मुस्लिम समुदाय के बीच शादी और तलाक के नियमन के लिए एक कानून लाएगी। रोहतगी ने यह बात तब कही जब उच्चतम न्यायालय ने उनसे पूछा कि अगर इस तरह के तरीके निरस्त कर दिए जाएं तो शादी से निकलने के लिए किसी मुस्लिम मर्द के पास क्या तरीका होगा। (समय की कमी के कारण सिर्फ तीन तलाक पर होगी सुनवाई: HC)

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वह समय की कमी की वजह से सिर्फ तीन तलाक पर सुनवाई करेगा लेकिन केन्द्र के इसपर बल देने के मद्देनजर बहुविवाह और निकाह हलाला के मुद्दों को भविष्य में सुनवाई के लिए खुला रख रहा है। प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा, हमारे पास जो सीमित समय है उसमें तीनों मुद्दों को निबटाना संभव नहीं है। हम उन्हें भविष्य के लिए लंबित रखेंगे। संविधान पीठ में न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। अदालत ने यह बात तब कही जब केन्द्र सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि दो सदस्यीय पीठ के जिस आदेश को संविधान पीठ के समक्ष पेश किया गया है उसमें तीन तलाक के साथ बहुविवाह और निकाह हलाला के मुद्दे भी शामिल हैं।

केन्द्र की यह बात उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी के मद्देनजर अहम है कि वह सिर्फ तीन तलाक का मुद्दा निबटाएगा और वह भी तब जब यह इस्लाम के लिए बुनियादी मुद्दा होगा। रोहतगी ने संविधान पीठ से यह साफ करने के लिए कहा कि बहुविवाह और निकाह हलाला के मुद्दे अब भी खुले हैं और कोई और पीठ भविष्य में इसे निबटाएगी। अदालत ने स्पष्ट किया, इन्हें भविष्य में निबटाया जाएगा। उच्चतम न्यायालय मुस्लिम समाज में व्याप्त तीन तलाक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। आज सुनवाई का तीसरा दिन है। केन्द्र ने आज अपनी दलीलें पेश करनी शुरू की है।

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