Highlights
- घर पर बिना डॉक्टर की सलाह के कोरोना का इलाज करना पड़ सकता है भारी
- कोरोना के इलाज को लेकर वायरल हो रहे भ्रामक मैसेज की जान लें सच्चाई
- 'वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कच्चे प्याज और सेंधा नमक के सेवन से कोरोना का इलाज संभव है'
Corona Treatment: देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट आने के बाद से मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमण के मामले 1 लाख के पार पहुंच चुके हैं। भारत में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। कई लोग घर पर ही कोरोना का इलाज कर रहे हैं। कोरोना के इलाज को लेकर एक दावा किया जा रहा, जिसे लोग तेजी से शेयर भी कर रहे हैं। कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार, डॉक्टर और विशेषज्ञ लोगों से कोविड गाइडलाइंस का पालन करने, फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने की अपील कर रहे हैं। वहीं अगर आप भी सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज पढ़कर घर पर कोरोना के इलाज कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। इससे आप की जान को खतरा हो सकता है।
सोशल मीडिया एक अफवाह वायरल हो रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (वॉटसऐप) पर एक मैसेज वायरल में कोरोना देसी इलाज बताया जा रहा है। मैसेज में कहा जा रहा है कि 'सेंधा नमक के साथ कच्ची प्याज (लाल डार्क वाली) छील कर खाने से 15 मिनट बाद लोग पॉजिटिव से निगेटिव हो रहे हैं, ये एकदम सत्य है। आप खुद करके देखें... कोरोना हो या न हो, कच्ची प्याज सेंधा नमकर लगाकर रोज खाते रहें। वायरस गले में ही मर जाएगा... आपको लाभ हो तो सबको शेयर करें... सर्वे भवन्तु सुखिन:'
जानिए क्या है सच्चाई
वहीं कोरोना इलाज के इस दावे को भारत सरकार के प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने गलत बताया है। पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्विटर पर लिखा कि 'सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक पोस्ट में दावा किया गया है कि कच्चे प्याज के साथ सेंधा नमक के सेवन से कोरोना वायरस का इलाज किया जा सकता है। ये दावा फर्जी है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कच्चे प्याज और सेंधा नमक के सेवन से कोरोना (COVID19) का इलाज संभव है।'
गौरतलब है कि, अगर आपके अंदर कोरोना संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं, तो सबसे पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर तुरंत आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाएं। रिपोर्ट आने तक सभी से दूरी बनाए रखें। अगर आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो तुरंत जिला स्तरीय कोरोना कंट्रोल सेंटर को सूचित करें, वहां से आपको तुरंत डॉक्टरी सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। बता दें कि इससे पहले भी कोरोना की दूसरी लहर में भी कोरोना के इलाज को लेकर ऐसे ही भ्रामक मैसेज वायरल हुए थे। डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि ऐसे संदेशों के चक्कर में आने से बचना चाहिए।