Wednesday, April 24, 2024
Advertisement

चीफ जस्टिस रमण ने देश की निचली अदालतों में बुनियादी ढांचे की कमी पर अफसोस जताया

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वकील एम. एल. शर्मा की इस दलील पर ध्यान दिया कि उत्तर प्रदेश के एक जिले की सिविल कोर्ट का भवन नहीं है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 23, 2022 23:40 IST
CJI N V Ramana, CJI N V Ramana Infrastructure, Lowers Courts- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE CJI N V Ramana.

Highlights

  • जस्टिस रमण ने कहा, एक नहीं, कई जिले ऐसे हैं जहां अदालत की इमारतें नहीं हैं।
  • जस्टिस रमण ने वकील एम. एल. शर्मा से एक जनहित याचिका दायर करने को कहा।
  • वकील एम. एल. शर्मा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर एक याचिका दायर करेंगे।

नयी दिल्ली: देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन. वी. रमण ने बुधवार को निचली अदालतों में बुनियादी ढांचे की कमी पर अफसोस जताया और कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की है। चीफ जस्टिस रमण, जस्टिस ए. एस. बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक के गैंगरेप और हत्या के मामले में 4 आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने की जांच के अनुरोध वाली 2 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

पीठ ने वकील एम. एल. शर्मा की इस दलील पर ध्यान दिया कि उत्तर प्रदेश के एक जिले की सिविल कोर्ट का भवन नहीं है। जस्टिस रमण ने कहा, ‘एक नहीं, कई जिले ऐसे हैं जहां अदालत की इमारतें नहीं हैं।’ उन्होंने शर्मा से एक जनहित याचिका दायर करने को कहा। पीठ ने कहा, ‘कई जिले हैं। क्या करें? हमने केंद्र से पूछा है। मैंने एक पत्र लिखा और अपनी पीड़ा व्यक्त की। यहां तक कि रिपोर्ट भी सौंपी। आप एक याचिका दायर कर सकते हैं।’

कई जनहित याचिकाएं दायर करने के लिए अक्सर आलोचना झेलने वाले शर्मा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर एक याचिका दायर करेंगे। प्रधान न्यायाधीश देश की निचली अदालतों में खराब बुनियादी ढांचे पर चिंता व्यक्त करते रहे हैं और इस मुद्दे को हल करने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना निगम (NJIC) की स्थापना का विचार रखा था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक समारोह में चीफ जस्टिस ने कहा था, ‘भारत में अदालतें अभी भी उचित सुविधाओं के बिना, जीर्ण-शीर्ण ढांचों से संचालित होती हैं। ऐसी स्थिति वादियों और वकीलों के लिए काफी नुकसानदेह है। ये हालात अदालत के कर्मचारियों और जज के लिए अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से करना मुश्किल बना रहे हैं। अंग्रेजों के जाने के बाद हमने उपेक्षा की और भारत में अदालतों के लिए अच्छा बुनियादी ढांचा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने में विफल रहे।’

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement