Thursday, April 25, 2024
Advertisement

BJP: कांग्रेस के मुख्यमंत्री धीरे-धीर भाजपा में हो रहे हैं शामिल, अगला किसका नंबर?

BJP: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेसी नेता रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को बीजेपी का दामन थाम लिया। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किरण रिजिजू की उपस्थिति में कैप्टन को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई गई

Ravi Prashant Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published on: September 21, 2022 19:45 IST
BJP joined- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV BJP joined

Highlights

  • पंजाब लोक कांग्रेस का भी विलय भाजपा के साथ कर दिया
  • नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन के बीच काफी खींचतान हुई
  • कांग्रेस के मुख्यमंत्री बीजेपी में शामिल हो रहे हैं

BJP: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेसी नेता रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को बीजेपी का दामन थाम लिया। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किरण रिजिजू की उपस्थिति में कैप्टन को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। इसके अलावा कैप्टन ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भी विलय भाजपा के साथ कर दिया। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह भी लिस्ट में शामिल हो गए जिनमें पहले से कई मुख्यमंत्री बीजेपी के साथ जुड़ गए, जिनका रिश्ता कांग्रेस से था। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह

कैप्टन अमरिंदर सिंह 2002 से 2007 तक और फिर मार्च 2017 सितंबर 2021 तक पंजाब के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज रहे। उसी दौरान नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन के बीच काफी खींचतान हुई। कैप्टन अमरिंदर ने आरोप लगाया कि हाई आलाकमान उनकी बात को तहरीर नहीं दे रही है। उन्होंने सिद्धू के बर्ताव को लेकर कई बार कांग्रेस के अधिकारियों को सूचना दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुआ। इसके अलावा सिद्धू के खिलाफ कैप्टन अमरिंदर ने कई बयान भी दिए। इन सबके बीच आखिर में कैप्टन ने कांग्रेस से रिश्ता तोड़ लिया। उन्होंने बाद में पीएलसी पार्टी का गठन किया। 

दिगंबर कामत
ऐसा नया नहीं है कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। इससे पहले भी कांग्रेस के कई मुख्यमंत्रियों ने बीजेपी के साथ अपना सुर ताल मिलाया है। हाल ही में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा के साथ आ गए। कामत के साथ कांग्रेस के 7 और विधायक भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लिए।

नारायण राणे 
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राने भी शिवसेना से रिश्ता तोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए थे। 2019 के राज्य चुनाव से पहले वह बीजेपी के साथ रिश्ता जोड़ लिए थे। 1996 में महाराष्ट्र में शिवसेना की बीजेपी की सरकार बनी तो राणे को पहली बार मंत्रिमंडल में जगह दी गई। 1999 में महाराष्ट्र के सीएम भी बने। पॉलिटिकल पंडितों के मुताबिक, शिवसेना को जब उद्धव ठाकरे ने अपने कब्जे में कर लिया तो राणे के रास्ते बदल गए। उन्होंने 2005 में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। हालांकि विवादित बयानों के कारण उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया। इसके बाद राणे ने महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी की नींव रखी लेकिन साल 2018 में अपनी पार्टी का विलय भाजपा के साथ कर दिया। 

एसएम कृष्ण 
बीजेपी में शामिल होने वाले पूर्व मुख्यमंत्री की लिस्ट में एसएम कृष्णा का नाम भी है। ‌ वह 1999 से लेकर मई 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे। साल 2009 से 2012 तक यूपीए के शासन के दौरान वह फॉरेन मिनिस्टर भी रहे थे। आपको बता दें कि साल 2017 में कांग्रेस के दिग्गज नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी पॉलिटिकल ग्राउंड बीजेपी में सेट कर दिया। यानी आसान भाषा में कहें तो बीजेपी में शामिल हो गए। 

नारायण दत्त
नारायण दत्त वह नाम जो हमेशा सुर्खियों में रहा करता था। नारायण दत्त कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे। उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके थे। वहीं साल 2002 से 2007 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रहे। वही 2007 से दिसंबर 2009 तक वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के पद को संभाला था। कांग्रेस में उठा-पटक और मतभेद के कारण उत्तराखंड और यूपी में 2017 विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने पार्टी को छोड़कर बीजेपी के साथ शामिल हो गए। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण 1 साल बाद उनकी निधन हो गई। 

पेमा खंडू 
अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में पेमा खंडू की जगह काफी अहम मानी जाती है। कांग्रेस के कद्दावर नेता पेमा खंडू सितंबर 2016 में वह कांग्रेस को छोड़कर 40 से अधिक एमएलए के साथ पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए। यह भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी थी। इस लिस्ट में एन किरण रेड्डी भी है। किरण ने 2010 से मार्च 2014 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रही। फिर बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।

अगला किसका नंबर? 
राजस्थान में सियासी उठा-पटक के बीच हलचल तेज हो गई है कि गहलोत को कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष चुना जाएगा। ऐसे में गहलोत चाहेंगे कि राजस्थान में उनका कोई अपना मुख्यमंत्री हो। जिसे वो राजस्थान छोड़ने के बाद भी अपना वर्चस्व कायम रखें। वही कांग्रेस चाहती है कि पायलट राजस्थान की गद्दी को संभाले लेकिन ये कभी गहलोत को स्वीकार्य नहीं होगा। बीजेपी इस पर कड़ी नजर बनाई हुई है। अगर गहलोत और पायलट की तालमेल नहीं बनी तो फिर कुछ नया देखने को जरुर मिलेगा। 


 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement