Thursday, April 25, 2024
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Gyanvapi Viral Video: शिवलिंग या फव्वारा? ज्ञानवापी के वजूखाने का पुराना वीडियो वायरल

वायरल वीडियो ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने का बताया जा रहा है। वीडियो में वजूखाने के बीचो बीच स्थित एक ठोस संरचना को हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है।

Khushbu Rawal Written by: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: May 17, 2022 21:01 IST
Gyanvapi Viral Video- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Gyanvapi Viral Video

Highlights

  • सर्वे के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
  • वजूखाने के बीचो बीच स्थित एक ठोस संरचना को हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा
  • मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है

Gyanvapi Viral Video: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान बीते रोज यानी 16 मई को एक शिवलिंग दिखने की बात चर्चा में है। सर्वे के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने का बताया जा रहा है। वीडियो में वजूखाने के बीचो बीच स्थित एक ठोस संरचना को हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है।

आपको बता दें कि हिंदू पक्ष के दावे के आधार पर ही वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने उस स्थान को सील करने का आदेश दिया है। साथ ही, महत्वपूर्ण साक्ष्य के तौर पर उसकी सुरक्षा का आदेश पुलिस कमिश्नर, डीएम और CRPF के कमांडेंट को दिया है। हालांकि, सच क्या है यह कोर्ट के फैसले के बाद ही तय हो पाएगा। इंडिया टीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता।

देखें वीडियो-

यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग वजूखाने की सफाई करते दिख रहे है। कुछ लोग झाड़ू लगा रहे हैं तो कुछ पाइप से पानी डालते दिख रहे हैं। इस दौरान उस पत्थर को भी मोबाइल में कैद किया जाता है, जिसको लेकर विवाद छिड़ा है।

सभी पक्ष के अपने-अपने दावे

अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि वजूखाने में शिवलिंग ही मिला है। इसीलिए हमारी ओर से उसकी सुरक्षा की मांग कोर्ट से की गई। कोर्ट ने हमारे अनुरोध को स्वीकार भी कर लिया। वहीं, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मोहम्मद तौहीद खां के अनुसार वजूखाने में जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वह असल में फव्वारा है। हमें सुनवाई का अवसर दिए बगैर निचली अदालत ने एकपक्षीय आदेश पारित किया है। हम इस आदेश से कतई संतुष्ट नहीं है।

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