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कर्नाटक सरकार ने लिया बड़ा फैसला, रद्द करेगी 43 संगीन मामले; एक AIMIM नेता से भी है जुड़ा

कर्नाटक सरकार ने एक अजब फैसला लिया है। सरकार ने कैबिनेट मीटिंग के बाद 43 केसों को रद्द करने का फैसला लिया है।

Reported By : T Raghavan Edited By : Shailendra Tiwari Published : Oct 11, 2024 12:40 IST, Updated : Oct 11, 2024 12:40 IST
karnataka- India TV Hindi
Image Source : PTI कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया

कर्नाटक सरकार राज्य में 43 क्रिमिनल केसों को खारिज करने जा रही है। यह फैसला सिद्धारमैया सरकार ने गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया है। कैबिनेट की बैठक के बाद कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने बताया कि कैबिनेट ने यह फैसला अपनी उप-समिति द्वारा भेजे गए 60 मामलों की जांच के बाद लिया है। उप-समिति ने 60 में से 43 मामलों को वापस लेने की सिफारिश की थी। सूत्रों के अनुसार, जिन मामलों को वापस लिया जाएगा, उनमें किसान नेताओं और कन्नड़ कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले भी शामिल हैं।

लोगों ने पुलिस स्टेशन में की थी तोड़फोड़

साथ ही इसमें एक मामला हुबली पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ से जुड़ा हुआ है, जिसमें AIMIM के स्थानीय नेता भी शामिल हैं। 16 अप्रैल 2022 को मुस्लिम समाज के लोगों ने पुलिस स्टेशन के बाहर जमा होकर जबरदस्त हंगामा किया था। उस दौरान पुलिस स्टेशन और वाहनों को नुकसान पहुंचाया था, साथ ही आसपास की दुकानों में तोड़फोड़ की थी इस हिंसा में 4 पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे। 

इस मामले में कुछ आरोपियों में AIMIM नेता मोहम्मद आरिफ और अन्य शामिल हैं। आरिफ और अन्य AIMIM नेताओं पर पुलिस पर हमला करने वाली भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप था। आरिफ और 138 अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा और अन्य गंभीर आरोप लगाए गए थे, लेकिन अब कांग्रेस सरकार ने इस केस को रद्द करने का फैसला किया है।

क्यों हुई थी हिंसा?

16 अप्रैल, 2022 को हुबली में सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट लिखने वाले युवक को पुलिस गिरफ्तार कर स्टेशन लेकर आई, कुछ देर में वहां मुस्लिम समाज की भीड़ जमा हो गई और आरोपी को भीड़ को सौंपने की मांग को लेकर हंगामा हुआ जिसके बाद लोग हिंसा हुई थी।

पुलिस ने जताई आपत्ति

हालांकि सूत्रों के मुताबिक कानून विभाग, पुलिस विभाग और अभियोजन विभाग ने मामले को वापस लेने पर आपत्ति जताई, लेकिन राज्य सरकार ने आपत्तियों को दरकिनार करते हुए मामले वापस लेने का फैसला किया है।

जानकारी दे दें कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद 2023 में हुबली के अंजुमन ए इस्लाम के बैनर तले इस केस को रद्द करने की अपील की गई थी, अंजुमन ने CM, गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले को वापस लेने का अनुरोध किया था।

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