Friday, May 10, 2024
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धंस रही जमीन! धामी सरकार ने जोशीमठ से 600 परिवारों को तुरंत निकालने का आदेश दिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित लोगों के स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, गौचर और अन्य स्थानों पर वैकल्पिक जगहों की पहचान की जानी चाहिए।

India TV News Desk Edited By: India TV News Desk
Updated on: January 07, 2023 13:22 IST
जोशीमठ में जमीन धंसने...- India TV Hindi
Image Source : PTI जोशीमठ में जमीन धंसने से घर में पड़ी दरारों से निकलते पानी को देखती महिलाएं।

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में रह रहे करीब 600 परिवारों को शुक्रवार को तत्काल वहां से निकालने का आदेश दिया। सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रही है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि CM धामी खुद हालात का जायजा लेने के लिए शनिवार को जोशीमठ पहुंच गए। बता दें कि जोशीमठ में 603 परिवार दरारों से प्रभावित घरों में रह रहे हैं। धामी ने इससे पहले शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों के साथ जोशीमठ की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के बाद कहा, ‘लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।’

‘600 परिवारों को ट्रांसफर करने के लिए कहा’

CM धामी ने कहा, ‘अधिकारियों को जोशीमठ के जोखिम वाले घरों में रहने वाले लगभग 600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर करने के लिए कहा गया है। हम जोशीमठ की स्थिति से निपटने के लिए छोटी और लंबी अवधि की योजनाओं पर भी काम कर रहे हैं।’ CM शनिवार को जोशीमठ जाएंगे, जहां वह प्रभावित लोगों से मिलेंगे और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। धामी ने कहा कि गढ़वाल के कमिश्नर सुशील कुमार और डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के सेक्रट्री रंजीत कुमार सिन्हा विशेषज्ञों की एक टीम के साथ स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए वहां मौजूद हैं।

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Image Source : PTI
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ के हालात पर बैठक करते हुए।

‘बीमारों को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था हो’
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों का पुनर्वास तेजी से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपचार की सुविधा वहां उपलब्ध होनी चाहिए और बीमार लोगों को एयरलिफ्ट करने की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। धामी ने कहा कि तुरंत एक ऐक्शन प्लान बनाने के साथ-साथ लंबे समय के लिए भी एक ऐक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए और दोनों पर सही दिशा में काम शुरू किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जोशीमठ को सेक्टर और जोन में बांटकर उसके अनुसार कार्रवाई की जाए। शहर में आपदा नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएं।’

‘लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना जरूरी’
CM धामी कहा, ‘प्रभावित लोगों के स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, गौचर और अन्य स्थानों पर वैकल्पिक जगहों की पहचान की जानी चाहिए। डीएम को लोगों के संपर्क में रहना चाहिए और संभावित खतरे वाले क्षेत्रों की भी पहचान करनी चाहिए। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना जरूरी है। इसमें सैटेलाइट इमेज भी काम आ सकती है। इस अभियान में सफलता हासिल करने के लिए सभी विभाग टीम भावना से कार्य करें। प्रभावित लोगों की मदद के लिए SDRF और NDRF के जवानों की पर्याप्त तैनाती की जाए और जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध कराई जाए।’

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जोशीमठ में जमीन धंसने से सड़क में पड़ी दरार।

कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जोशीमठ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का शहर है। यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाना चाहिए कि लोगों की आजीविका प्रभावित न हो।’ बता दें कि उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य के चमोली जिले में, बदरीनाथ तथा हेमकुंड साहिब के रास्ते में आने वाला जोशीमठ समुद्र तल से 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-5’ में आता है।

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