Monday, April 29, 2024
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बिपरजॉय पर नजर रखने के लिए दिल्ली में बनाया गया वॉर रूम, जानें कैसे करता है काम

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की दिल्ली में मौसम विभाग के वॉर रूम से मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि इससे प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Vineet Kumar Singh Updated on: June 14, 2023 16:35 IST
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Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE बिपरजॉय तूफान तेजी से गुजरात तट की ओर बढ़ रहा है।

नई दिल्ली: शक्तिशाली चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के गुजरात तट की ओर बढ़ने के साथ ही सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के कुछ हिस्सों में तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी बारिश देखने को मिली है। सरकार ने तूफान पर प्रभावी तरीके से नजर रखने के लिए नई दिल्ली में वॉर रूम बनाए हैं। बिपरजॉय के चलते गृह मंत्री अमित शाह ने अपना तेलंगाना का दौरा भी रद्द कर दिया है। वह दिल्ली में गृह मंत्रालय से राहत और बचाव कार्य के समन्वय की निगरानी करेंगे। चक्रवात के 15 जून की शाम को 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने की संभावना है।

दिल्ली में बनाए गए हैं 4 वॉर रूम

बिपरजॉय पर नजर रखने के लिए नई दिल्ली में स्थित मौसम विभाग के हेडक्वॉर्टर में वॉर रूम बनाया गया है। इस वॉर रूम को 4 हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा सैटेलाइट एप्लिकेशन है, जहां सैटेलाइट के जरिए साइक्लोन की तस्वीरें आती हैं। दूसरा हिस्सा ऑब्जर्वेशन और ट्रैकिंग का है, जहां वैज्ञानिक सैटेलाइट से आई तस्वीरों का अध्ययन करके साइक्लोन की मूवमेंट को ट्रैक करते हैं। तीसरा हिस्सा ‘फोरकास्ट’ या साइक्लोन वार्निंग सिस्टम है जहां साइक्लोन को लेकर सभी भविष्यवाणियां दी जाती हैं। चौथा हिस्सा ‘फोरकास्ट डिसेमिनेशन’ का है। यहां साइक्लोन से जुड़े सारे फोरकास्ट का डेटा और बुलेटिन जारी किया जाता है।

बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी
सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, जिनमें कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिले शामिल हैं, में तेज हवाओं के साथ बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, बिपरजॉय के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है। इसके चलते 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। समुद्र के अशांत होने और आने वाले चक्रवात के कारण क्षेत्र में बहुत ज्यादा बारिश की आशंका को देखते हुए मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को 16 जून तक रोक दिया गया है और बंदरगाह बंद कर दिए गए हैं।

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