Monday, April 29, 2024
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उत्तराखंड में इंडस्ट्री के लिए जमीन खरीदने वालों का स्वागत, रोक केवल भूमाफियाओं पर: धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा-‘‘ उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा कृषि और उद्यान के नाम पर धड़ल्ले से जमीन खरीदने पर राज्य सरकार ने अंतरिम रोक लगाई है। यह रोक भू माफियाओं एवं गलत नीयत से जमीन खरीदने वालों पर लगाई गई है। ’’

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: January 02, 2024 23:57 IST
Pushkar dhami- India TV Hindi
Image Source : PTI पुष्कर सिंह धामी, सीएम उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि उत्तराखंड में भू माफियाओं द्वारा कृषि और उद्यान के नाम पर गलत नीयत से भूमि खरीदने पर अंतरिम रोक लगायी गयी है लेकिन इंडस्ट्री लगाने के लिए जमीन खरीदने वालों का प्रदेश में स्वागत है । बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र में आयोजित 'चेलि ब्वार्यूं कौतिक' मातृशक्ति उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने साफ किया, ‘‘ उत्तराखंड में बाहरी व्यक्तियों द्वारा कृषि और उद्यान के नाम पर धड़ल्ले से जमीन खरीदने पर राज्य सरकार ने अंतरिम रोक लगाई है। यह रोक भू माफियाओं एवं गलत नीयत से जमीन खरीदने वालों पर लगाई गई है। ’’

 बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर लगाई रोक

हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यवसाय, उद्योग एवं किसी स्टार्टअप के लिए जमीन खरीदेगा, जिससे यहां के स्थानीय लोगों को फायदा मिले, तो उसका उत्तराखंड में स्वागत है। रविवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भू-कानून के संबंध में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में अंतरिम तौर पर बाहरी व्यक्तियों के कृषि और उद्यान के लिए भूमि खरीदने पर रोक लगा दी गयी थी । आदेश में कहा गया था,‘‘मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेशहित और जनहित में निर्णय लिया गया है कि भू कानून समिति द्वारा आख्या प्रस्तुत किये जाने तक या अग्रिम आदेशों तक जिलाधिकारी उत्तराखंड के बाहरे व्यक्तियों को कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से भूमि क्रय करने के प्रस्ताव में अनुमति नहीं देंगे ।’’ 

मातृ शक्ति के योगदान का भी जिक्र किया 

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के निर्माण में मातृ शक्ति के योगदान का भी जिक्र किया और कहा कि उनके सहयोग से ही समाज या राष्ट्र का संपूर्ण विकास संभव है। उन्होंने मातृ शक्ति को शिक्षित करने पर भी बल दिया और कहा कि बेटियां अपने ज्ञान से दो-दो घरों को प्रकाशित करती हैं और भारतीय संस्कृति में सबसे बड़े पुण्य का दर्जा प्राप्त 'कन्यादान’ से पहले ‘‘ हमें 'विद्यादान’ करना चाहिए । ’’ उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री ने लगभग 100 करोड़ रुपये की विभिन्न विभागों की विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। उन्होंने विभिन्न विभागों एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया तथा । इस दौरान उन्होंने स्वयं भी तांबे के बर्तन में कलाकृति तथा रिंगाल की टोकरी भी बनाई। (भाषा)

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