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Yasin Malik: अपहरण-हत्याएं, आतंकियों के लिए पैसे जुटाए... पढ़ें यासीन मलिक के गुनाहों का 'काला चिट्ठा'

NIA ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए आरोपी जिम्मेदार है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मलिक के लिए मौत की सजा के लिए भी तर्क दिया। दूसरी ओर, कोर्ट द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने मामले में न्यूनतम सजा के रूप में आजीवन कारावास की मांग की। मामले में अपराधों की सजा का इंतजार कर रहा मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआईए न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया।

Written by: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated : May 25, 2022 18:18 IST
Yasin Malik- India TV Hindi
Image Source : PTI Yasin Malik

Highlights

  • 'घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए जिम्मेदार है यासीन मलिक'
  • यासीन मलिक पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण का भी आरोप
  • यासीन पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप, जिसे उसने स्वीकारा था

Yasin Malik: आतंकी फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) ने बुधवार को NIA की एक कोर्ट से कहा कि अगर खुफिया एजेंसियां आतंकवाद से जुड़ी किसी भी गतिविधि को साबित करती हैं, तो वह फांसी को स्वीकार कर लेंगे। विशेष एनआईए जज प्रवीण सिंह के समक्ष सुनवाई के दौरान मलिक ने कहा, "मैं किसी से भीख नहीं मांगूंगा। मामला इस कोर्ट के समक्ष है और मैं इस पर फैसला करने के लिए कोर्ट पर छोड़ता हूं।" उन्होंने कहा, "अगर मैं 28 साल में किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं, अगर भारतीय जांच एजेंसियां यह साबित कर दें, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मैं फांसी को स्वीकार करूंगा.. मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है।"

'घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए जिम्मेदार है यासीन मलिक'

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए आरोपी जिम्मेदार है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मलिक के लिए मौत की सजा के लिए भी तर्क दिया। दूसरी ओर, कोर्ट द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने मामले में न्यूनतम सजा के रूप में आजीवन कारावास की मांग की। मामले में अपराधों की सजा का इंतजार कर रहा मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआईए न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया।

कोर्ट ने बुधवार की सुनवाई से पहले एनआईए अधिकारियों को टेरर फंडिंग मामले में उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने का भी निर्देश दिया था। अभियुक्त को अधिकतम मृत्युदंड की सजा का सामना करना पड़ सकता है, जबकि न्यूनतम सजा उन मामलों में आजीवन कारावास हो सकती है, जिनमें वह शामिल है।

जानें, यासीन मलिक ने क्या क्या गुनाह किए
यासीन मलिक पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और कश्मीर में शांति को भंग करने, टेरर फंडिंग में शामिल होने के आरोप हैं। उसने इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था। सुनवाई की आखिरी तारीख को उसने कोर्ट को बताया कि वह धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) के तहत अपराधी है।

मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण का आरोप
इसके अलावा यासीन पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप है, जिसे उसने स्वीकारा था। उस पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण का भी आरोप है।

वर्तमान मामला विभिन्न आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिज्बुल-मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) और जैश-ए-मोहम्मद (JAM) से संबंधित है। इसने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को बिगाड़ने के लिए आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम दिया।

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