1987 में एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद जब पार्टी के अंदर जयललिता को अलग-थलग करने की साजिश हुई उस वक्त शशिकला उनके साथ खड़ी रहीं। 1991 में जयललिता पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। इसके साथ ही शशिकला की ताकत भी बढ़ी। सत्ता के गलियारों में भी उनकी काफी धमक रही। कहा जाता है कि शशिकला ने अपने परिवार के लोगों की काफी मदद की। 1991 से 1996 तक जयललिता के मुख्यमंत्रित्व काल में शशिकला के परिजनों की संपत्ति में काफी इजाफा हुआ।
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