1998 में केंद्र में AIADMK के समर्थन से अटल वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनी। इस सरकार में प्रमोद महाजन काफी अहम भूमिका निभा रहे थे। बताया जाता है कि जयललिता से समर्थन हासिल करने और सरकार चलाने में शशिकला के परिजनों की तरफ से काफी परेशानी महसूस हो रही थी। प्रमोद महाजन सीधे जयललिता से बात करते थे। इन्हीं वजहों शशिकला और उनके परिजनों ने सियासत का एक नया खेल रचा। शशिकाल ने चाय की पार्टी पर सोनिया गांधी और जयललिता की मुलाकात कराई। जिसके बाद AIADMK ने केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया और वाजपेयी सरकार एक वोट के अंतर से गिर गई।
2003 से 2006 के बीच एकबार फिर जयललिता तमिलनाडु की सीएम बनने में कामयाब रहीं। 2006 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इन तमाम उतार-चढ़ाव में शशिकला जयललिता के हर कदम पर साथ रहीं। 2011 के चुनाव में एक बार फिर तमिलनाडु की जनता ने उन्हें पूर्ण बहुमत से जिताया।
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