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'हिंदी का विरोध करते हैं और फिल्में डब करके मुनाफा कमाते हैं', तमिल नेताओं पर भड़के पवन कल्याण

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लेकर तमिल नेताओं के द्वारा लगातार बयान दिए जा रहे हैं। इस बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तमिल नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये लोग हिंदी का विरोध करते हैं, लेकिन फिल्मों को हिंदी में डब करके उससे मुनाफा कमाते हैं।

Edited By: Amar Deep
Published : Mar 15, 2025 9:43 IST, Updated : Mar 15, 2025 9:43 IST
तमिल नेताओं पर भड़के पवन कल्याण।
Image Source : FILE तमिल नेताओं पर भड़के पवन कल्याण।

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने तमिलनाडु के नेताओं पर करारा हमला किया है। उन्होंने शुक्रवार को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के विरोध और हिंदी थोपने के आरोप को लेकर तमिलनाडु के नेताओं की आलोचना की। पवन कल्याण इसे "पाखंड" बताते हुए सवाल किया कि वे हिंदी का विरोध क्यों करते हैं, जबकि हिंदी में फिल्में डब करके मुनाफा कमाते हैं? बता दें कि पवन कल्याण ने काकीनाडा के पीथमपुरम में पार्टी के 12वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

'यह किस तरह का तर्क है?'

पवन कल्याण ने कहा कि ये नेता हिंदी का विरोध करते हैं, लेकिन वित्तीय लाभ के लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करने की अनुमति देते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे समझ में नहीं आता कि कुछ लोग संस्कृत की आलोचना क्यों करते हैं, तमिलनाडु के नेता हिंदी का विरोध क्यों करते हैं, जबकि वित्तीय लाभ के लिए अपनी फिल्मों को हिंदी में डब करने की अनुमति देते हैं? वे बॉलीवुड से पैसा चाहते हैं, लेकिन हिंदी को स्वीकार करने से इनकार करते हैं, यह किस तरह का तर्क है?"

स्टालिन पर साधा निशाना

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण का यह बयान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के उस आरोप के बीच आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार NEP के त्रिभाषा फॉर्मूले के जरिए हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है। भारत की भाषाई विविधता पर जोर देते हुए पवन कल्याण ने कहा, "भारत को तमिल समेत कई भाषाओं की जरूरत है, न कि सिर्फ दो भाषाओं की। हमें भाषाई विविधता को अपनाना चाहिए। न सिर्फ अपने देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए बल्कि अपने लोगों के बीच प्रेम और एकता को बढ़ावा देने के लिए भी।"

स्टालिन ने NEP को लेकर क्या कहा?

दरअसल, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने NEP को भारत के विकास के बजाय हिंदी को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई "भगवा नीति" करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने की धमकी देती है। स्टालिन ने तिरुवल्लूर में कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा नीति नहीं बल्कि भगवाकरण नीति है। यह नीति भारत के विकास के लिए नहीं बल्कि हिंदी के विकास के लिए बनाई गई थी। हम इस नीति का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से नष्ट कर देगी।" स्टालिन ने केंद्र सरकार पर NEP को लागू करने के लिए राज्य पर दबाव बनाने के लिए धनराशि रोकने का आरोप लगाया था। (एएनआई इनपुट्स के साथ)

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