Friday, April 19, 2024
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UP New: पैसे की उगाही के लिए झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले गिरोह का सीबीआई ने किया भंडाफोड़

UP News: हाईकोर्ट के एक वकील की जनहित याचिका पर रेप और एससी-एसटी एक्ट के 51 मामलों की जांच के आदेश जारी किए गए। कुल मामलों में से 36 मामले मौइमा थाने में दर्ज हैं। जबकि दूसरे जिले के अन्य थानों में दर्ज हैं।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: September 09, 2022 14:53 IST
UP News- India TV Hindi
Image Source : FILE UP News

Highlights

  • दो वकीलों के खिलाफ गैंगरेप दर्ज कराया गया था मामला
  • रेप के आरोप के विरोध में हाईकोर्ट का खटखटाया गया था दरवाजा

UP New: सीबीआई ने प्रयागराज में जबरन वसूली के लिए लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत झूठे रेप और आपराधिक मामले दर्ज करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले महीने जांच एजेंसी को गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, जो निर्दोष लोगों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज कर रहा है। इनमें से ज्यादातर मामले जिले के ट्रांस गंगा क्षेत्र के मौइमा थाने में दर्ज हैं।

एससी-एसटी एक्ट के 51 मामलों की जांच के आदेश 

हाईकोर्ट के एक वकील की जनहित याचिका पर रेप और एससी-एसटी एक्ट के 51 मामलों की जांच के आदेश जारी किए गए। कुल मामलों में से 36 मामले मौइमा थाने में दर्ज हैं। जबकि दूसरे जिले के अन्य थानों में दर्ज हैं। सीबीआई की टीम मौइमा, कीडगंज, शिवकुटी, बहरिया, कर्नलगंज, फाफामऊ और दारागंज थाने में दर्ज 51 मामलों की लिस्ट लेकर प्रयागराज पहुंची। मौइमा थाने के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई अधिकारियों को दर्ज 24 एफआईआर की कॉपियां मुहैया कराई गईं।

पुलिस ने गैंगरेप के एक मामले में एफआईआर की कॉपी भी सीबीआई को सौंपी है। जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीबीआई अधिकारी अब विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज मामलों में पीड़ितों से मिलेंगे और उनके बयान लेंगे।

दो वकीलों के खिलाफ गैंगरेप दर्ज कराया गया था मामला

इस साल की शुरुआत में एक महिला ने दो वकीलों के खिलाफ दारागंज थाने में गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। महिला ने दावा किया कि दोनों वकीलों ने उसकी नाबालिग बेटी के साथ कार में गैंगरेप किया। हालांकि, पुलिस जांच के दौरान, यह सामने आया कि दोनों को झूठे केस में फंसाया गया था और पीड़िता खुद इस बात से अनजान थी कि उसकी मां ने उसके खिलाफ किए गए एक कथित अपराध के लिए एफआईआर दर्ज कराई है।

रेप के आरोप के विरोध में हाईकोर्ट का खटखटाया गया था दरवाजा

गैंगरेप के आरोपी दो वकीलों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और एक जनहित याचिका दायर की। उन्होंने दावा किया कि जिले में सक्रिय गिरोह निर्दोष लोगों को रेप, एससी एसटी अधिनियम आदि के फर्जी मामलों में फंसाकर उनसे पैसे वसूलने का काम कर रहा है। उनकी जनहित याचिका के जवाब में हाईकोर्ट ने सीबीआई से मौइमा और जिले के अन्य पुलिस स्टेशनों में दर्ज 51 ऐसे मामलों की जांच शुरू करने को कहा।

एक अन्य मामले में 2021 में मौइमा थाने में एक महिला ने अपने गांव के पांच लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। हालांकि बाद में महिला ने अपना बयान बदल दिया और आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने मामले में फाइनल रिपोर्ट सौंप दी थी।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सीबीआई टीम को हाईकोर्ट के आदेश में उल्लिखित मामलों की एफआईआर की कॉपियां उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि मामले में रेप, गैंगरेप, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत और यहां तक कि कुछ पुलिस थानों में दर्ज मामूली हमले के मामले भी शामिल हैं।

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