Monday, April 29, 2024
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Me Too: मौसा ने 13 साल की उम्र में किया था गलत काम, RBI अधिकारी ने अब दर्ज कराया केस, ये है पूरा मामला

Me Too: दिल्ली की आरबीआई मुख्यालय में तैनात एक महिला अधिकारी ने अपने मौसा के खिलाफ मी टू के तहत छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया है। महिला ने यह मामला दिल्ली के पंजाबी बाग में दर्ज कराया था। हालांकि, इस मामले में को अब लखनऊ के गाजीपुर थाने में ट्रांसफर कर दिया गया है।

Sushmit Sinha Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published on: July 30, 2022 14:57 IST
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Highlights

  • मौसा ने 13 साल की उम्र में किया था गलत काम
  • RBI अधिकारी ने दर्ज कराया केस
  • केस दिल्ली से हुआ लखनऊ ट्रांसफर

Me Too: दिल्ली की आरबीआई मुख्यालय में तैनात एक महिला अधिकारी ने अपने मौसा के खिलाफ मी टू के तहत छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया है। महिला ने यह मामला दिल्ली के पंजाबी बाग में दर्ज कराया था। हालांकि, इस मामले में को अब लखनऊ के गाजीपुर थाने में ट्रांसफर कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि महिला लखनऊ की ही रहने वाली है और उसका मौसा भी वहीं का है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी और पीड़िता दोनों का बयान दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है। 

13 साल की उम्र में किया था गलत काम

महिला का कहना है कि जब वह छोटी थी और छुट्टियों में नानी के घर जाती थी तो उस वक्त आरोपी मौसा उसके साथ अश्लील हरकतें करता था। महिला अधिकारी का कहना है कि उस उम्र में उसने जब इसकी शिकायत अपनी मौसी से की तो उन्होंने उसे डांट कर भगा दिया। जबकि महिला के परिवार वालों ने भी उसकी नहीं सुनी। जब वह थोड़ी बड़ी हुई और पुलिस के पास जाने की बात की तब भी परिवार वालों ने उसे रोक दिया।

मौसा के अश्लील मैसेज से परेशान होकर दर्ज कराया केस

अधिकारी महिला का कहना है कि वह इस बात को भूल चुकी थी और शांति से अपना जीवन जी रही थी। लेकिन अब आरोपी मौसा उसे कुछ दिनों से अश्लील मैसेज भेज कर परेशान कर रहा है। इन मैसेजों से वह इतना परेशान हो गई की उसे पुलिस में केस दर्ज कराना पड़ा। महिला ने पंजाबी बाग में 9 अप्रैल को केस दर्ज कराया था। लेकिन अब इस केस को लखनऊ ट्रांसफर कर दिया गया है।

क्या है मीटू

सोशलमीडिया पर मीटू का पहली बार इस्तेमाल अमेरिका की सामाजिक कार्यकर्ता तराना बर्क ने 2016 में माईस्पेस नामक सोशलमीडिया प्लेटफॉर्म पर किया था। उन्होंने इस मीटू हैशटैग का उपयोग रंगभेद का शिकार हुई महिलाओं के यौन उत्पीड़न की कहानी बताने के लिए किया था। तराना बर्क के अनुसार, यह शब्द उनके दिमाग में तब आया था जब उन्हें एक 13 साल की बच्ची ने बताया था कि उसका भी यौन उत्पीड़न हुआ है।

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