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जम्मू-कश्मीर सरकार ने व्यापार के लेन-देन के मामले में क्या-क्या किए बदलाव? जानिए डिटेल

इस संशोधन में बताया गया कि विधान सभा राज्य सूची में सूचीबद्ध किसी भी मामले के संबंध में कानून बना सकती है। इसके अलावा 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' या भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची में शामिल है।

Reported By : Devendra Parashar Edited By : Dhyanendra Chauhan Published : Jul 13, 2024 22:24 IST, Updated : Jul 13, 2024 22:27 IST
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा- India TV Hindi
Image Source : PTI जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार ने व्यापार के लेन-देन के मामले में हाल ही में संशोधन किया है। इसमें कहा गया कि जम्मू कश्मीर में व्यापार के लेन-देन के नियमों के बारे में शनिवार को अधिसूचना जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन नहीं है। जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से कहा गया कि कुछ मीडिया संस्थानों ने इसे अधिनियम में संशोधन के रूप में गलत तरीके से रिपोर्ट किया है। यह लेन-देन के नियमों में एक साधारण संशोधन है, जो किसी भी अस्पष्टता से बचने के लिए जारी किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी रखा गया बरकरार

सरकार ने कहा कि शनिवार (13 जुलाई) को जारी की गई अधिसूचना किसी भी तरह से जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में निहित शक्तियों के संतुलन को नहीं बदलती है। इन अधिनियम को अगस्त 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया है। इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार भी रखा गया है।

 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' संविधान की सातवीं अनुसूची में शामिल

अधिनियम की धारा 32 के अनुसार, विधान सभा राज्य सूची में सूचीबद्ध किसी भी मामले के संबंध में कानून बना सकती है। इसके अलावा 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' या भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची में शामिल है।

कानून के तहत अपने विवेक से काम करने की आवश्यकता 

अधिनियम की धारा 53 के अनुसार, उपराज्यपाल, विधान सभा को दी गई शक्तियों के दायरे से बाहर आने वाले मामलों में अपने विवेक से अपने कार्यों का प्रयोग करेंगे। अखिल भारतीय सेवाओं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संबंधित और कोई अन्य मामला जिसके लिए उन्हें किसी कानून के तहत अपने विवेक से काम करने की आवश्यकता है।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन को बनाया जा सके सक्षम

विधान सभा की शक्तियों और उपराज्यपाल के कार्यों के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए अधिनियम में स्पष्ट रूप से परिभाषित और चित्रित किया गया है।  इसे व्यवसाय नियमों के लेनदेन में दर्शाया गया है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि राष्ट्रपति ने अधिनियम की धारा 55 द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार के कामकाज के अधिक सुविधाजनक संचालन के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार के कामकाज के नियम, 2019 (जी.एस.आर. 534 (ई) दिनांक 27.08.2020, गृह मंत्रालय) जारी किए हैं। वर्तमान अधिसूचना प्रक्रियाओं पर बेहतर स्पष्टता प्रदान करने के लिए है केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के सुचारू प्रशासन को सक्षम बनाया जा सके।

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