Wednesday, April 17, 2024
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Chanakya Niti: बनना चाहते हैं बुद्धिमान तो ध्यान रखें 3 बातें

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: June 21, 2021 6:30 IST
Chanakya Niti-चाणक्य नीति- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti-चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार बुद्धिमान बनने के उपाय पर आधारित है।

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'थोड़ा पढ़ना, अधिक सोचना, कम बोलना और अधिक सुनना- ये बुद्धिमान बनने के लिए उपाय है।' आचार्य चाणक्य 

आचार्य चाणक्य के इस कथन का मतलब है कि बुद्धिमान बनने के लिए इन चार चीजों का होना बहुत जरूरी है। ये चार चीजें थोड़ा पढ़ना, अधिक सोचना, कम बोलना और अधिक सुनना हैं। जिस व्यक्ति में ये चार चीजें कूट कूटकर भरी होती हैं उसका बुद्धिमान बनना तय है। कई बार जिंदगी में ऐसे मौके आते हैं जब इंसान को समय-समय पर अपनी बुद्धिमानी का परिचय देना होता है। 

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पहला है थोड़ा पढ़ना। जरूरत से ज्यादा ज्ञान भी हानिकारक हो सकता है। कई बार ऐसा होता है कि लोग ज्यादा जानकारी जुटाने की चाहत में अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार लेते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार आप कुछ ऐसी चीजों के बारे में जानकारी जुटाते हैं जो आपके मन को अशांत कर देते है। वैसे तो किसी भी चीज की जानकारी होना अच्छी बात है लेकिन मन को अशांत करने से बचें। 

दूसरा है कम बोलना। मनुष्य को हमेशा कम बोलना चाहिए। कई लोग ऐसे होते हैं जो ज्यादा बोलते हैं। ज्यादातर ऐसा होता है कि जो बहुत ज्यादा बोलते हैं वो अक्सर लोगों की बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा करके कई बार वो अपना नुकसान भी कर बैठते हैं। इसी वजह से हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दूसरों की बातें भी सुनें। ऐसा करने से आप अपना नुकसान होने से रोक सकते हैं। तीसरा है थोड़ा पढ़ना। मनुष्य हमेशा अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए किताबों को पढ़ना पसंद करता है। लेकिन आचार्य का कहना है कि मनुष्य को थोड़ा ही पढ़ना चाहिए। ऐसा करने में ही उसकी समझदारी है।

चौथा है अधिक सुनना। मनुष्य को हमेशा दूसरों की बातें सुनकर उससे ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए। ऐसा करने वाला मनुष्य ही अपने अंदर के ज्ञान को और बढ़ा सकता है। इसलिए अगर आप दूसरों की बातों को हमेशा ध्यान से सुनें और अच्छी बातों को अपने अंदर उतारने की कोशिश करें। अगर आप इन चारों चीजों को सही से फॉलो करते हैं तो आप सही में बुद्धिमान हैं। ये सारी चीजें ना केवल आपको बुद्धिमान बनाएंगी बल्कि आपको एक अच्छा इंसान भी बनाने में मददगार होंगी। 

 

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