Thursday, March 28, 2024
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दूसरों की इस एक चीज को जानने के बाद मनुष्य बिल्कुल ना करें ये काम, वरना धीरे-धीरे हो जाएगा अंदर से खोखला

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: December 02, 2020 7:39 IST
Chanakya Niti-चाणक्य नीति- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti-चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार मनुष्य को दूसरों राय से ज्यादा अपने अंदर की आवाज को सुनना चाहिए इस पर आधारित है। 

'दूसरों की राय से प्रभावित होकर तुम कभी अपने अंदर की आवाज को मत खो देना।' आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को कभी भी अपने अंदर की आवाज को दर निकार नहीं करना चाहिए। कई बार ऐसा होता है मनुष्य दूसरों के बहकावे में आ जाता है या फिर दूसरों की बात से इतना प्रभावित हो जाता है कि अपने अंदर की आवाज को दबा देता है। अगर आप भी यही कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। ऐसा इसलिए क्योंकि धीरे धीरे आप अपने आपको खो देंगे। 

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कई बार असल जिंदगी में ऐसा होता है कि मनुष्य अपने से ज्यादा दूसरों की राय पर ज्यादा विश्वास करता है। विश्वास करना अच्छी बात है लेकिन हर एक पर अंध विश्वास करना आपके लिए ठीक नहीं है। कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य के अंदर की आवाज किसी फैसले को लेकर सही होती है लेकिन वो उस पर यकीन नहीं करता। ये कहे कि वो सामने वाले के सामने अपनी राय को वो तवज्जो नहीं देता। हालांकि कई बार ऐसा होता है कि जो वो सोच रहा होता है वो एकदम सही होता है। बावजूद इसके अपने आप पर भरोसा करने के बजाय वो दूसरों पर भरोसा करना ज्यादा पसंद करता है। ऐसा करना कोई गलत बात नहीं है लेकिन हमेशा ऐसा करते रहना आपकी जिंदगी को प्रभावित जरूर कर सकता है। 

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मनुष्य को अपने अंदर की आवाज को सुनना जरूर चाहिए। ऐसा करके वो ना केवल अपना आत्म विश्वास बढ़ाता है बल्कि ऐसा करने से उसकी पहचान भी बनती है। कोई भी इंसान अपने बारे में कोई भी गलत फैसला लेने से बचता है। वो यही सोचता है कि जिंदगी में उसका आमना सामना मुश्किलों से ना हो। अगर आप भी ऐसा ही सोच रहे हैं इसी डर की वजह से अपने अंदर की आवाज को दबा रहे हैं तो ऐसा ना करें। क्योंकि जब आप अपनी अंतरआत्मा से निकली आवाज को दबाएंगे तो धीरे धीरे खुद को ही खत्म कर लेंगे। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि दूसरों की राय से प्रभावित होकर तुम कभी अपने अंदर की आवाज को मत खो देना। 

 

 

 

 

 

 

 

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