Friday, May 03, 2024
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पितरों को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें श्राद्ध

पितरो को समर्पित पितृ पक्ष अश्विन मास कृष्ण पक्ष की पूर्णमासी में भाद्रपद का क्षय होने के साथ शुरु होते है। इस बार 16 सितंबर, शुक्रवार से शुरु हो रहे है। जो कि 30 सितंबर को सर्वपितृ के साथ समाप्त होगा। जानिए कैसे करें श्राद्ध..

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: September 15, 2016 16:22 IST
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धर्म डेस्क: पितरो को समर्पित पितृ पक्ष अश्विन मास कृष्ण पक्ष की पूर्णमासी में भाद्रपद का क्षय होने के साथ शुरु होते है। इस बार 16 सितंबर, शुक्रवार से शुरु हो रहे है। जो कि 30 सितंबर को सर्वपितृ के साथ समाप्त होगा।

पितरों को प्रसन्न करने के लिए हर व्यक्ति वो उपाय करता है। जिससे कि वह अपने पितरों की कृपा पा सके साथ ही उनकी आत्मा को शांति मिले। इसके लिए विधि-विधान के साथ श्राद्ध करना बहुत ही जरुर ही। हम अपनी खबर में बताएंगे कि आप किस तरह पितरों का श्राद्ध कर उनकी कृपा पा सकते है। साथ ही ये भी जानिए कि श्राद्ध में किन लोगों को भोजन नहीं कराना चाहिेए औप किस तरह भोजन कराना चाहिए ये भी जाने।

इन्हें कराएं भोजन

इस बारें में विष्णु पुराण के 15 वें अध्याय में बताया गया है कि श्राद्ध काल में भोजन किसी गुणशील ब्राह्मण को कराना चाहिए। ब्राह्मण ऐसा होना चाहिए जो छह वेदों का जाननें वाला हो, श्रोत्रिय, योगी, आनजा, जामाता, दौहित्रा, पंचाग्नि तपनें वाला और माता-पिता का प्रेमी हो। इन गुणों के ब्राह्मणों को पितरों के निमित्त करानें के बाद ही अन्य लोगों को प्रसाद देना चाहिए।

भूलकर भी इन लोगों को भोजन न कराएं
विष्णु पुराण की  श्राद्ध विधि में यह बताया गया है कि ऐसे लोगो को भोजन कराना वर्जित है जो लोग मित्रघाती, नपुंसक, काले दांतों वाला, अग्नि और वेदों का त्याग करनें वाला, चोर, चुगलखोर, पैसे देकर ज्ञान देने वाला, पुर्नविवाहिता का पति, माता-पिता का त्याग करने वाला, शुद्रा का पति हो तो वो इसके योग्य नही है।

अगली स्लाइड में पढ़े कैसे खिलाएं भोजन

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