Friday, March 29, 2024
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भगवान राम के ससुराल में पहुंचें पीएम मोदी, जानिए क्या है हिंदू धर्म में जनकपुर का महत्व

आज से पीएम नरेंद्र मोदी दो दिन के नेपाल दौरे पर हैं। उन्होनें अपने दौर की शुरूआत जनकपुर से की है। जी हां जहां मां सीता का बचपन बीता. जहां सीता का स्वयंवर हुआ और वो जगह जहां पर राम और सीता का विवाह हुआ। यानी कि भगवान राम की ससुराल। जानइए इस जगह के बारें में हर एक चीज...

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 11, 2018 11:56 IST
Janki temple nepal pm modi- India TV Hindi
Janki temple nepal

नई दिल्ली: आज से पीएम नरेंद्र मोदी दो दिन के नेपाल दौरे पर हैं। उन्होनें अपने दौर की शुरूआत जनकपुर से की है। जी हां जहां मां सीता का बचपन बीता. जहां सीता का स्वयंवर हुआ और वो जगह जहां पर राम और सीता का विवाह हुआ। यानी कि भगवान राम की ससुराल।

जनकपुर का जानकी मंदिर भारत और नेपाल के बीच साझी धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक है और पीएम मोदी भारत और नेपाल के रिश्तों की हिंदू जड़ों को सींचने के लिए इसी जानकी मंदिर में आने वाले हैं।

पहला मौका है जब भारत का कोई प्रधानमंत्री काठमांडू से नहीं बल्कि जनकपुर से अपने नेपाल दौरे की शुरुआत करेगा। जनकपुर पहुंचने के बाद पीएम मोदी सीधे जानकीधाम मंदिर गए। माना जाता है कि ये कभी राजा जनक का महल था और माता सीता का बचपन यहीं बीता। जानकी मंदिर में पूजा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी मौजूद हैं।  

पीएम मोदी 2014 में भी जनकपुर आने वाले थे, लेकिन काम की व्यस्तता की वजह से जानकीधाम मंदिर नहीं आ पाए थे। लेकिन  आज वह जानकपुर पहुंच गए है। जानइए आप भी जनकपुर के कुछ खास मंदिरों के बारें में। नेपाल के जनकपुर से अयोध्या की दूरी करीब 600 किलोमीटर है।

जानकीधाम मंदिर

यह वो जगह है जहां स्वयंवर के बाद माता सीता और भगवान राम का विवाह संपन्न हुआ था। जहां त्रेतायुग के उस अलौकिक दृश्य की झलक दिखाने की कोशिश की गई है। मंदिर के पुजारियों के मुताबिक यहां सब कुछ उसी तरह रखा गया है, जैसा त्रेतायुग में राम और सीता के विवाह के वक्त था। यह मंदिर 'नौलखा' के नाम से भी प्रसिद्ध है। इसे टीकमगढ़ की रानी वृषभानु कुमारी ने बनवाया था। यह मंदिर हिंदू राजपूत की वास्चुकल का एक बेहतरीन नमूना है। इसकी ऊंचाई 256 फीट है। माना जाता है कि राजा जनव ने शिव-धनुष के लिए यहां तप किया था।

जानकीधाम मंदिर में विवाह स्थल से थोड़ी ही दूर पर वो जगह भी है जहां विवाह के बाद भगवान राम और सीता रुके थे। यहां भी उनकी मूर्ति है।

इस जगह पर रामनवमी, बसंत पंचमी में मेला चलता है।

12 बीघा मैदान
इस जगह पर माता सीता का स्वयंवर हुआ था।

देखें इन मंदिरों के बारें में हर एक बात:

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