Saturday, April 20, 2024
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मध्य प्रदेश में किसान महापंचायत, नए कृषि कानूनों को वापस लेने की केन्द्र से मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वियज सिंह ने यहां आयोजित किसान महापंचायत में केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए विवादास्पद कानूनों को वापस लेने की मांग की।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 04, 2021 23:08 IST
'Kisan mahapanchayat' in MP seeks repeal of new farm laws- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE (PTI) दिग्वियज सिंह ने किसान महापंचायत में विवादास्पद कानूनों को वापस लेने की मांग की।

रतलाम: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वियज सिंह ने यहां आयोजित किसान महापंचायत में केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए विवादास्पद कानूनों को वापस लेने की मांग की। प्रदेश के रतलाम जिले के डेलनपुर में आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू हरियाणा) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, कांग्रेस नेता और भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अरुण यादव सहित अन्य किसान नेता शामिल थे। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किसान महापंचायत का आयोजन जरूर किया लेकिन लेकिन वह मंच पर मौजूद नहीं रहे। महापंचायत से पहले पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता ने कहा कि किसान महापंचायत गैर राजनीतिक आयोजन है। 

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सिंह ने कहा, ‘‘किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ हम देश में आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त एकता मंच का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस ने संसद में और बाहर इन कानूनों का विरोध किया है।’’ उन्होंने बताया कि इन कानूनों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा जारी किया गया पर्चा वितरित किया है। दिग्विजय सिंह किसान महापंचायत के मंच पर नहीं बैठे। उन्होंने कहा कि गत सितंबर में बनाये गये केन्द्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों का समर्थन किसान महापंचायत को मिल रहा है। 

यहां आयोजित किसान महापंचायत में वक्ताओं ने दिल्ली की सीमाओं पर नवंबर के अंत से जारी आंदोलन का समर्थन किया और कानूनों को वापस लेने की मांग केन्द्र सरकार से की। महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता चढूनी ने आरोप लगाया कि नए कृषि कानूनों के तहत विदेशी फसलें भारत में यहां के किसानों की उपज की कीमत पर बेची जायेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘इन कानूनों के लागू होने से किसान को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलेगा और वह अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर होगा।’’ 

चढूनी ने कहा कि यह देश के लोगों और कॉर्पोरेट के बीच की लड़ाई है। किसान नेता अरुण यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता ‘‘हम इन काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा कि किसान महापंचायत एक गैर राजनीतिक आयोजन है और इसे लोगों का समर्थन मिल रहा है। यादव ने कहा कि आठ मार्च को श्योपुर में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है इसमें किसान नेता राकेश टिकैत शामिल होगें।

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