Friday, April 26, 2024
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राकेश टिकैत का ऐलान, इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा, चार नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे

किसान नेता राकेश टिकैत ने राजस्थान के सीकर में ऐलान किया कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा और वहां चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 23, 2021 23:59 IST
Farmers will gherao Parliament if govt doesn't repeal three agri laws, says Rakesh Tikait- India TV Hindi
Image Source : PTI राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा।

नई दिल्ली: किसान नेता राकेश टिकैत ने राजस्थान के सीकर में ऐलान किया कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा और वहां चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से तैयार रहने को कहा क्योंकि कभी भी दिल्ली जाने का आह्वान हो सकता है। टिकैत संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,'' कान खोलकर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे। अबकी बार आह्वान संसद का होगा। कहकर जाएंगे संसद पर। इस बार चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे।''

राकेश टिकैत ने कहा कि किसान इंडिया गेट के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा। साथ ही कहा कि संसद को घेरने के लिए तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा। किसाने नेता ने कहा, ''26 जनवरी की घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश की गई। देश के किसानों को तिरंगे से प्यार है, लेकिन इस देश के नेताओं को नहीं।'' टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों की तरफ से खुली चुनौती है कि सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए और एमएसपी लागू नहीं की तो बड़ी-बड़ी कंपनियों के गोदाम को ध्वस्त करने का काम भी देश का किसान करेगा। 

टिकैत ने कहा कि इसके लिए संयुक्त मोर्चा जल्द तारीख भी बताएगा। महापंचायत को स्वराज आंदोलन के नेता योगेंद्र यादव, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम, किसान यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री चौधरी युद्धवीर सिंह सहित कई किसान नेताओं ने भी संबोधित किया। इससे पहले टिकैत ने चूरू जिले के सरदारशहर में भी किसानों की सभा को संबोधित किया। 

वहीं भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार की मनमानी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को खत्म करे तो किसान बातचीत को तैयार हैं। नरेश टिकैत बीबीनगर जाते वक्त कुछ देर के लिए हापुड़ के गांव धनौरा में भाकियू के मंडल सचिव ज्ञानेश्वर त्यागी के आवास पर आए और मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि पहले सरकार तीनों कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाए, इन शर्तों के पूरा होने तक किसान पीछे नहीं हटेंगे। 

नरेश टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन अनिश्चितकालीन है, जो मरते दम तक जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि तीनों कृषि कानून किसानों के हक में नहीं है और यह बात सरकार भी जानती है, लेकिन अपनी जिद के चलते वह किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। टिकैत ने दावा किया कि बीजेपी में ऐसे कई नेता हैं जो इस समस्या को सुलझा सकते हैं, लेकिन उन पर भी दबाव बनाया हुआ है। 

उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिद छोड़ दे क्योंकि किसान बातचीत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि कानूनों को सरकार को वापस लेना ही होगा, यह शर्त माने जाने तक किसान पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा,‘‘सरकार किसानों को कई नाम दे रही है, जो किसानों के लिए अपमान की बात है, लेकिन सरकार यह भूल गई है कि किसानों का शोषण करने वाला कभी सफल नहीं हुआ है। इसका परिणाम उसे भुगतना ही पड़ेगा।’’ 

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