Sunday, December 15, 2024
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शर्मनाक! मंगलसूत्र गिरवी रखकर कराया इलाज, 2400 रुपये के लिए अस्पताल ने शव देने से किया इनकार

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक शख्स का आरोप है कि उसने गिरवी रखकर पिता का इलाज और अस्पताल में जब पिता की मौत हो गई तो शव नहीं दिया जा रहा है। अस्पताल वाले 2400 रुपये मांग रहे हैं।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Jul 16, 2024 22:01 IST, Updated : Jul 16, 2024 22:53 IST
मंगलसूत्र गिरवी रखकर कराया इलाज- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV मंगलसूत्र गिरवी रखकर कराया इलाज

राजगढ़ः मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के कुरावली में मंगलवार को मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। पहले से ही मरीज का ठीक से इलाज न करने एवं अस्पताल भवन की अनुमति को लेकर विवाद में चल रहे नगर के सुलभ हॉस्पिटल के डॉक्टर एवं संचालक डॉ.अभिषेक अग्रवाल का मरीजों एवं उनके परिजनों के साथ अभद्रता करने का मामला सामने आया है। 

2400 रुपये के लिए अस्पताल ने नहीं दिया शव

पीड़ित परिजनों का आरोप है कि मंगलसूत्र गिरवी रखकर कराया। इसके बावजूद ठीक से इलाज नहीं किया और मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत होने के बाद अस्पताल संचालक ने 2400 रुपये जमा नहीं होने पर शव देने से इनकार कर दिया। इसकी शिकायत वाल्मीकि समाज ने कुरावर थाना प्रभारी को मरीज के परिजन के साथ शिकायत सौंपी है।

क्या है पूरा मामला

मजदूरी पर काम करने वाले प्रहलाद की अचानक तबियत बिगड़ गई और उनके मुंह से खून बहने लगा। तभी उनके बेटे वीरेंद्र ने उनको सुलभ हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां लगातार 2 घंटे तक इलाज चलता रहा लेकिन अस्पताल संचालक डॉक्टर अभिषेक अग्रवाल ने मरीज के परिजनों को यह नहीं बताया कि आखिर बीमारी क्या है। शाम चार बजे प्रहलाद की मृत्यु हो गई। प्रहलाद के बेटे ने जब अस्पताल संचालक से पिता का शव मांगा तो अस्पताल ने शव देने से मना किया और कहा कि 2400 रुपए पहले जमा करो फिर शव दिया जाएगा।

इसकी जानकारी होने पर पार्षद प्रतिनिधि मोहन वर्मा, नगर परिषद में दरोगा संजू वाल्मीकि, रिंकू वाल्मीकि, एवं महेश अस्पताल संचालक डॉक्टर अभिषेक अग्रवाल से बात की तो उन्होंने उनके साथ भी अभद्रता की और शव देने से मना कर दिया। इसके बाद परिजन एवं समाज जनों ने थाना प्रभारी को एक शिकायती आवेदन सौंपा। अंत में  अस्पताल संचालक ने हंगामे के बाद शव परिजनों सौप दिया।

क्या कहना है पीड़ित परिजनों का

पीड़ित वीरेंद्र वाल्मीकि का कहना है कि उनके पिताजी की अचानक तबीयत खराब हुई थी। उन्हें यहां अस्पताल में लाया था। मेरे पड़ोसी रवि ने अपनी पत्नी का मंगलसूत्र गिरवी रखकर अस्पताल में 6 हजार रुपये जमा कराए थे और अब अस्पताल संचालक मेरे पिता का शव नहीं दे रहे हैं और न ही उनकी बीमारी के बारे में मुझे बताया है। वहीं थाना प्रभारी मेहताब सिंह ने बताया कि हमें अस्पताल संचालक डॉक्टर अभिषेक अग्रवाल के विरुद्ध शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ है।

अस्पताल ने दी ये सफाई

वहीं, हॉस्पिटल संचालक अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि मरीज ने अत्यधिक मात्रा में शराब पी ली थी। जिससे उसकी प्लेट्टस कम हो गई थी। मरीज का कल बिल 8800 का बना था जिसमें परिजनों ने 6400 जमा कर दिए थे। मैंने परिजनों से बोला कि आप 2400 रुपए जमा कर दो और शव को ले जाओ। मैंने परिजनों से शव को ले जाने से मना नहीं किया है। 

रिपोर्ट- गोविंद सोनी

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