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पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति बहाली के लिए केंद्र का बड़ा कदम, त्रिपुरा के दो उग्रवादी गुटों के साथ किया समझौता

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 328 से अधिक उग्रवादी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होंगे और दोनों उग्रवादी समूहों के परिचालन वाले क्षेत्रों के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Sep 04, 2024 19:53 IST, Updated : Sep 04, 2024 20:03 IST
एनएलएफटी और एटीटीएफ के बीच शांति समझौते के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री - India TV Hindi
Image Source : PTI एनएलएफटी और एटीटीएफ के बीच शांति समझौते के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र खासकर आदिवासियों की संस्कृति, भाषा और पहचान को संरक्षित रखते हुए उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न सिर्फ पूर्वोत्तर और दिल्ली के बीच की खाई को पाटकर उन्हें सड़क, रेलवे और उड़ानों के जरिए जोड़ा है, बल्कि दिलों के बीच की दूरी को भी पाटा है। शाह यहां ‘नॉर्थ ब्लॉक’ में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जहां केंद्र और त्रिपुरा सरकार तथा राज्य के दो उग्रवादी समूहों ने एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।

पूर्वोत्तर में आएगी शांति

इस समझौते का मकसद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा को समाप्त करना और शांति लाना है। उन्होंने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही शांति और प्रगति की दिशा में त्रिपुरा की यात्रा में आज एक नया मील का पत्थर स्थापित हो गया। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और गृह मंत्रालय तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के प्रतिनिधियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान मौजूद थे।

अमित शाह ने कही ये बात

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार में अपना भरोसा जताते हुए एनएलएफटी और एटीटीएफ ने 35 साल पुराने संघर्ष को समाप्त करने और मुख्यधारा में लौटने, हिंसा छोड़ने और समृद्ध एवं विकसित त्रिपुरा के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने पर सहमति दी है। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार पूर्वोत्तर के, खासकर आदिवासी समूहों की संस्कृति, भाषा और पहचान को संरक्षित रखते हुए, समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

करीब 10,000 लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल

उन्होंने कहा, "सरकार ने पूर्वोत्तर में हस्ताक्षरित सभी शांति समझौतों को लागू किया है।" उन्होंने कहा कि उग्रवाद, हिंसा और संघर्ष से मुक्त विकसित पूर्वोत्तर के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए गृह मंत्रालय अथक प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए 12 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से तीन त्रिपुरा से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के कारण करीब 10,000 लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।

विकास के लिए 250 करोड़ रुपये मंजूर किए गए 

गृह मंत्री ने कहा कि 328 से अधिक उग्रवादी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होंगे और दोनों उग्रवादी समूहों के परिचालन वाले क्षेत्रों के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, मोदी सरकार उन क्षेत्रों को विकसित करने और हथियार उठाने के कारणों को दूर करने के लिए काम कर रही है। शाह ने कहा, "मोदी सरकार में समझौता सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि दिल की भावना है और हमने इसे जमीनी स्तर पर प्रदर्शित किया है।" उन्होंने कहा कि समझौते को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।

इनपुट- भाषा 

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