नई दिल्ली। पिछले महीने वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ हुई बजट पूर्व चर्चा में अर्थशास्त्रियों ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 200 रुपए मासिक से बढ़ाकर 500 रुपए प्रति माह करने सहित कई सुझाव दिए। अर्थशास्त्री जीन ड्रेजे ने बैठक के बाद कहा था कि यह (सामाजिक सुरक्षा पेंशन) राशि 200 रुपए मासिक है। इसे इतने निम्न स्तर पर रखने का कोई औचित्य नहीं है। इसे कम से कम इसे 500 रुपए किया जाना चाहिए। बल्कि यदि संभव हो तो मैं तो इसे बढ़ाकर 1,000 रुपए करने को कहूंगा।
इससे राजकोषीय दबाव बढ़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि यह तो मूंगफली के दाने जैसा है, यह कुछ भी नहीं है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मातृत्व अधिकारों का पूरी तरह अनुपालन किया जाए। यह चार साल से लंबित है।
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने कहा था कि सरकार को सीमा शुल्क और आयात-निर्यात शुल्क क्षेत्र में सुधार लेकर आना चाहिए क्योंकि इस क्षेत्र में पिछले 10 साल से कोई सुधार नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रतिन रॉय के अनुसार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के बरकरार रखे जाने की उम्मीद है।
सूत्रों के हवाले यह खबर भी आई थी कि कुछ अर्थशास्त्रियों ने शेयरों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर लगाने का भी सुझाव दिया है। जेटली के साथ इस बैठक में वित्त मंत्रालय के कई अधिकारी, वित्त सचिव हसमुख अधिया, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यण, व्यय सचिव एएन झा और वित्त सेवाओं के सचिव राजीव कुमार भी शामिल थे।