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बीपीसीएल निजीकरण: सेबी से पेट्रोनेट, आईजीएल के लिए ओपन ऑफर से छूट की संभावना नहीं

बीपीसीएल के पास पेट्रोनेट में 12.5 प्रतिशत और आईजीएल में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके साथ ही पेट्रोनेट में IOC, ONGC की और आईजीएल में गेल की भी हिस्सेदारी है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 07, 2021 17:16 IST
पेट्रोनेट, आईजीएल के...- India TV Paisa
Photo:BPCL

पेट्रोनेट, आईजीएल के लिए ओपन ऑफर से छूट की संभावना नहीं

नई दिल्ली। भारत के पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा बीपीसीएल का अधिग्रहण करने वाली कंपनी को पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) के लिए अनिवार्य ओपन ऑफर से छूट देने की संभावना नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि दोनों कंपनियों के गेल जैसे अन्य प्रवर्तकों को निजीकरण से बचने के लिए शेयर खरीद का विकल्प दिया जाएगा। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पास देश के सबसे बड़े तरलीकृत प्राकृतिक गैस आयातक पेट्रोनेट में 12.5 प्रतिशत और शहरी गैस खुदरा विक्रेता आईजीएल में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बीपीसीएल दोनों सूचीबद्ध कंपनियों की प्रवर्तक है और बोर्ड पदों पर काबिज है। 

निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के मूल्यांकन के अनुसार बीपीसीएल में सरकार की पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहणकर्ता को पेट्रोनेट और आईजीएल के अल्पांश शेयरधारकों से 26 फीसदी शेयरों के अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश करनी होगी। इस स्थिति से बचने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से छूट का अनुरोध किया गया था। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें अनौपचारिक रूप से बताया गया कि छूट के अनुरोध को स्वीकार किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि सेबी का दायित्व अल्पसंख्यक शेयरधारकों के हितों की रक्षा करना है।’’ यदि खुली पेशकश सफल होती है, तो बीपीसीएल का अधिग्रहणकर्ता पेट्रोनेट में भी सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा (बीपीसीएल का 12.5 प्रतिशत हिस्सा और 26 प्रतिशत जनता से) और आईजीएल में उसकी नियंत्रित हिस्सेदारी (बीपीसीएल का 22.5 प्रतिशत हिस्सा और 26 प्रतिशत जनता से) होगी। अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसे में बीपीसीएल के साथ इन दोनों कंपनियां का भी विनिवेश हो जाएगा।’’

ऐसा होने से रोकने के लिए पेट्रोनेट और आईजीएल के दूसरे प्रवर्तक भी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए जवाबी पेशकश शुरू करेंगे, ताकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में नियंत्रित हिस्सेदारी बरकरार रखी जा सके। पीटीआई-भाषा ने 21 जुलाई को सबसे पहले पेट्रोनेट और आईजीएल के प्रवर्तकों द्वारा कंपनियों को बचाने के कदम की सूचना दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी स्पष्ट समझ है कि अन्य प्रवर्तकों के लिए शेयर खरीद पेशकश शुरू करने पर कोई रोक नहीं है और वे ऐसा करेंगे।’’ आईजीएल में बीपीसीएल के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल समान रूप से प्रवर्तक है। दूसरी ओर पेट्रोनेट में गेल, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) संयुक्त रूप से प्रवर्तक हैं, जिनमें से प्रत्येक की 12.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

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