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वित्त मंत्रालय ने टैक्स मामले में अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा बढ़ाई

मुकदमेबाजी कम करने के लिए वित्त मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष कर मामलों में विभाग की तरफ से विभिन्न स्तर पर अपील दायर करने की मौद्रिक सीमाएं ऊंची कर दी है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: April 26, 2016 11:26 IST
Tax: अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील दायर करने की सीमा 10 लाख रुपए तय, कोर्ट जाने के लिए 15 लाख का मामला जरूरी- India TV Paisa
Tax: अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील दायर करने की सीमा 10 लाख रुपए तय, कोर्ट जाने के लिए 15 लाख का मामला जरूरी

नई दिल्ली। मुकदमेबाजी कम करने के लिए वित्त मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष कर मामलों में विभाग की तरफ से विभिन्न स्तर पर अपील दायर करने की मौद्रिक सीमाएं ऊंची कर दी है। अब अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील दायर करने की सीमा 10 लाख रुपए होगी, जबकि हाई कोर्ट में अधिकारी अपील तभी करेंगे जबकि मामला 15 लाख रुपए या उससे उपर का होगा।

एक बयान में कहा गया है कि इसके अलावा मंत्रालय ने प्रमुख आयुक्तों या आयुक्तों के लिए यह भी अनिवार्य कर दिया है कि वे उन सभी मामलों जिनमें शुल्क 50 लाख रुपए से अधिक है, सभी करदाताओं को कारण बताओ नोटिस भेजने से पहले विचार विमर्श करें। इसमें कहा गया है कि विभाग अब न्यायाधिकरण में 10 लाख रुपए से कम के मामले में अपील दायर नहीं करेगा। वहीं हाई कोर्ट में 15 लाख रुपए से कम के मामले में अपील दायर नहीं की जा सकेगी।

मुख्य आयुक्तों या प्रमुख आयुक्तों से कहा गया है कि वे ऐसे मामलों की पहचान करें, जो सीमा उत्पाद एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) और हाई कोर्ट में लंबित हैं और जिन्हें वापस लिया जा सकता है। मौजूदा मौद्रिक सीमा के आधार पर विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों ने हाई कोर्ट से वापस लिए जा सकने वाले 2,051 और सीईएसटीएटी से वापस लिए जा सकने वाले 5,261 मामलों की पहचान की है। उन्होंने पहले ही हाई कोर्ट में 980 और न्यायाधिकरण में 2,174 मामले वापस लेने के लिए आवेदन कर दिया है। इसमें से हाई कोर्ट ने 250 और सीईएसटीएटी ने 202 मामले वापस लेने की अनुमति दे दी है।

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