Thursday, March 28, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. फिच ने भारत के राजकोषीय घाटे का अनुमान बढ़ाया, 3.6 प्रतिशत रहने की आशंका

फिच ने भारत के राजकोषीय घाटे का अनुमान बढ़ाया, 3.6 प्रतिशत रहने की आशंका

जोखिम से बचाव समेत विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देने वाली कंपनी फिच सॉल्यूशंस ने भारत के राजकोषीय घाटे को लेकर अपने अनुमान को बुधवार को बढ़ा दिया। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: November 06, 2019 14:01 IST
fiscal deficit- India TV Paisa

fiscal deficit

नयी दिल्ली। जोखिम से बचाव समेत विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देने वाली कंपनी फिच सॉल्यूशंस ने भारत के राजकोषीय घाटे को लेकर अपने अनुमान को बुधवार को बढ़ा दिया। चालू वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.6 प्रतिशत पर रह सकता है। सुस्त आर्थिक वृद्धि और कॉरपोरेट कर की दरों में कटौती से राजस्व संग्रह को होने वाला नुकसान को देखते हुए राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाया गया है। पहले इसके जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया गया था। 

फिच सॉल्यूशंस ने कहा कि जीएसटी संग्रह और कॉरपोरेट कर संग्रह में कमी आने की वजह से राजस्व संग्रह 2019-20 के बजट अनुमान से कम रह सकता है। फिच ने कहा, 'इसे देखते हुए हम 2019-20 के लिए अपने राजकोषीय घाटे के अनुमान को 3.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.6 प्रतिशत कर रहे हैं।' शोध फर्म ने कहा, 'हमारा मानना है कि राजकोषीय खर्च में कटौती नहीं करने की मंशा के बीच सुस्त आर्थिक वृद्धि और सरकार के कॉरपोरेट कर की दर में कटौती से राजस्व संग्रह कम रहेगा। इस वजह से हमने राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाया है।' 

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने बीते 20 सितंबर को घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम से 2019-20 के दौरान सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपए के राजस्व की हानि होने का अनुमान है। फिच ने कहा, 'हम राजस्व वृद्धि के अपने अनुमान को भी संशोधित करके 13.1 प्रतिशत से 8.3 प्रतिशत कर रहे हैं। यह सरकार के 13.2 प्रतिशत वृद्धि के बजट अनुमान से काफी कम है।' 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement