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सरकार ने पवन हंस में विनिवेश के लिए प्राइवेट कंपनियों को किया आमंत्रित, बेचना चाहती है संपूर्ण 51 प्रतिशत हिस्‍सेदारी

सरकार ने पवन हंस में पूरी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ प्रबंधन नियंत्रण बेचने को लेकर विदेशी कंपनियों समेत निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है।

Abhishek Shrivastava
Published : Oct 13, 2017 06:37 pm IST, Updated : Oct 13, 2017 06:37 pm IST
सरकार ने पवन हंस में विनिवेश के लिए प्राइवेट कंपनियों को किया आमंत्रित, बेचना चाहती है संपूर्ण 51 प्रतिशत हिस्‍सेदारी- India TV Paisa
सरकार ने पवन हंस में विनिवेश के लिए प्राइवेट कंपनियों को किया आमंत्रित, बेचना चाहती है संपूर्ण 51 प्रतिशत हिस्‍सेदारी

नई दिल्ली। सरकार ने हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवन हंस लिमिटेड में पूरी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ प्रबंधन नियंत्रण बेचने को लेकर विदेशी कंपनियों समेत निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है। मिनीरत्न सार्वजनिक उपक्रम पर नागर विमानन मंत्रालय का प्रशासनिक नियंत्रण है और शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ओएनजीसी के पास है।

सरकार ने रुचि पत्र के लिए वैश्विक निमंत्रण में निजी कंपनियों से आठ दिसंबर तक बोली जमा करने को कहा है। इसमें बोली आमंत्रित करते हुए कहा गया है, सरकार ने पवन हंस लिमिटेड में रणनीतिक विनिवेश के जरिये अपनी पूरी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश का प्रस्ताव किया है। इसके तहत प्रबंधन नियंत्रण भी स्थानातंरित किया जाएगा।

निवेश और र्सावजनिक संपत्ति प्रबंधन दीपम विभाग कई सार्वजनिक उपक्रमों में रणनीतिक विनिवेश करने की तैयारी में है। बोलीदाताओं से चार सार्वजनिक उपक्रमों के लिए रुचि पत्र कल मांगे गए, वहीं पवन हंस के मामले में यह आज जारी किया गया। सरकार की हास्पिटल सर्विस कंसल्टेंसी कॉरपोरेशन (एचएससीसी), इंजीनियरिंग प्रोजेक्‍ट्स इंडिया लिमिटेड (ईपीआई) और नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनपीसीसी) में हिस्सेदारी इसी तरह के केंद्रीय लोक उपक्रम को बेचने की योजना है। इसके अलावा ब्रिज एंड रूफ कंपनी भी निजी इकाई को बेची जाएगी।

सरकार ने चालू वित्‍त वर्ष में 72,509 करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य रखा है। इसमें रणनीतिक बिक्री के जरिये 15,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है। इसके अलावा ओएनजीसी द्वारा 30,000 करोड़ रुपए में एचपीसीएल के अधिग्रहण पर काम चल रहा है।

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