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अमेरिकी कॉपीराइट लागू करते हैं तो भारतीय कानूनों का भी ध्यान रखें: ट्विटर विवाद पर रविशंकर प्रसाद

ट्विटर ने पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्री के खाते को एक घंटे तक बंद कर दिया और ऐसा अमेरिका के कॉपीराइट अधिनियम के तहत चार साल पहले की गयी एक शिकायत को लेकर किया गया

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 30, 2021 22:43 IST
ट्विटर पर सरकार का...- India TV Paisa
Photo:PTI

ट्विटर पर सरकार का कड़ा रुख

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों से जवाबदेही की मांग करते हुए बुधवार को कहा कि ट्विटर ने उनके खाते को अमेरिकी कॉपीराइट अधिनियम का नाम ले कर रोक दिया था पर उसे भारत के कानून का भी तो ध्यान रखना चाहिए जहां वह काम कर रही है और पैसे कमा रही है। प्रसाद ने इंडिया ग्लोबल फोरम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ट्विटर ने पिछले हफ्ते उनके खाते को एक घंटे तक बंद कर दिया और ऐसा अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट अधिनियम के तहत चार साल पहले की गयी एक शिकायत को लेकर किया गया।

उन्होंने कहा, "अगर आप अमेरिकी के डिजिटल कॉपीराइट अधिनियम को लागू करने जा रहे हैं तो आपको भारत के कॉपीराइट नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए।" मंत्री ने कहा, "आप यह नहीं कह सकते कि मेरे इस पूरे रुख का नियमन अमेरिकी कानून के एकपक्षीय मूल्याकंन के आधार पर किया जाएगा। उच्च प्रौद्योगिकी की इस भूमिका और लोकतंत्र के बीच एक सुखद समन्वय का कोई समाधान ढूंढना ही होगा।" उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में काम करने की आजादी है लेकिन उन्हें भारतीय संविधान और कानूनों को प्रति जवाबदेह होना होगा। 

पिछले कुछ समय में ट्विटर कई मुद्दों को लेकर सरकार के निशाने पर रही है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने सोशल मीडिया कंपनियों से जुड़े नये आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) कानूनों का अब तक पालन नहीं किया है। नये नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत है। इसमें भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। इससे पहले इस महीने की शुरुआत में सरकार ने ट्विटर को नियमों के अनुपालन का आखिरी मौका देते हुए कहा था कि अगर वह इसमें विफल रहती है, तो उसे आईटी कानून के तहत मध्यस्थ मंच के नाते दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। 

ट्विटर ने हाल ही में अतिरिक्त समय समाप्त होने के बाद भी जरूरी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जिसके साथ उसने भारत में ‘संरक्षित प्रावधान’ के जरिए मिलने वाली रियायतों का अधिकार खो दिया है। अब माइक्रोब्लॉगिंग साइट उपयोगकर्ताओं के किसी भी तरह की गैरकानूनी सामग्री डालने पर उसकी जिम्मेदार होगी। प्रसाद ने साथ ही कहा कि भारत में सोशल मीडिया का मामला इन मंचों पर पीड़ितों के अधिकारों के हनन और कंपनियों की जवाबदेही से जुड़ा है। उन्होंने कहा, "अगर लोकतंत्र को गलत सूचना, फर्जी खबरों, नकल की गयी सामग्री से पार पाना है तो ये सभी चुनौतियां हैं। मैं रोक-टोक के पक्ष में नहीं हूं लेकिन लोकतात्रिक देशों को इन मुद्दों को लेकर एक सहमति पर पहुंचाना होगा ताकि ये प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियां अपना काम करें, अच्छे पैसे, अच्छा मुनाफा कमाएं लेकिन जवाबदेह बनें। ऐसा तभी होगा जब आप किसी देश के कानून का पालन करेंगे।" 

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