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घटेगा आपके हाथ में आने वाला वेतन, जल्द लागू होने जा रहे हैं सरकार के नये नियम

उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड ने नियमों का मसौदा पहले ही जारी कर दिया है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 06, 2021 11:58 IST
वेज कोड जल्द होगा लागू- India TV Paisa
Photo:PTI

वेज कोड जल्द होगा लागू

नई दिल्ली। आने वाले कुछ समय में हो सकता है कि आपके हाथ में आने वाला वेतन घट जाये, लेकिन इसमें भी सकारात्मक बात ये है कि इस कदम से आपका भविष्य और बेहतर हो जायेगा। दरअसल आगामी कुछ माह में चारों श्रम संहिताएं लागू हो जाएंगी। केंद्र सरकार इन कानूनों के क्रियान्वयन पर आगे बढ़ने की तैयारी कर रही है। कानून के लागू होने के साथ लोगों की सैलरी और भविष्य निधि को लेकर कैलकुलेशन में बदलाव आयेगा। सीधे अर्थ में आपकी सैलरी वही रहेगी लेकिन कितना पैसा हाथ में मिलेगा और कितना बाद में इसकी गणना बदल जायेगी।

क्या होंगे नये नियम

नई वेतन संहिता के तहत भत्तों को 50 प्रतिशत पर सीमित रखा जाएगा। इसका मतलब है कि कर्मचारियों के कुल वेतन का 50 प्रतिशत मूल वेतन होगा। 
भविष्य निधि की गणना मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर की जाती है। इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल रहता है। अभी नियोक्ता वेतन को कई तरह के भत्तों में बांट देते हैं। इससे मूल वेतन कम रहता है, जिससे भविष्य निधि तथा आयकर में योगदान भी नीचे रहता है। कटौती कम होने से हाथ में आने वाली सैलरी ज्यादा रहती है।

नई वेतन संहिता में भविष्य निधि योगदान कुल वेतन के 50 प्रतिशत के हिसाब से तय किया जाएगा। 

क्या होगा आपकी सैलरी पर असर
ये कानून लागू होने के बाद मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर में 50 प्रतिशत से कम मूल वेतन वाले कर्मचारियों के हाथ में आने वाला वेतन (टेक होम सैलरी) घट जाएगा, वहीं साथ ही कंपनियों की भविष्य निधि (पीएफ) की देनदारी बढ़ जाएगी। 
श्रम मंत्रालय इन चार संहिताओं औद्योगिक संबंध, वेतन, सामाजिक सुरक्षा, व्यावसायिक और स्वास्थ्य सुरक्षा तथा कार्यस्थिति को एक अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहता था। इन चार श्रम संहिताओं से 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सुसंगत किया जा सकेगा। मंत्रालय ने इन चार संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप भी दे दिया था। लेकिन इनका क्रियान्वयन नहीं हो सका, क्योंकि कई राज्य अपने यहां संहिताओं के तहत इन नियमों को अधिसूचित करने की स्थिति में नहीं थे। भारत के संविधान के तहत श्रम समवर्ती विषय है। ऐसे में इन चार संहिताओं के तहत केंद्र और राज्यों दोनों को इन नियमों को अधिसूचित करना होगा, तभी संबंधित राज्यों में ये कानून अस्तित्व में आएंगे। 

एक से दो माह में लागू हो सकते हैं नियम
एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कई प्रमुख राज्यों ने इन चार संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया है। कुछ राज्य इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। केंद्र सरकार हमेशा इस बात का इंतजार नहीं कर सकती कि राज्य इन नियमों को अंतिम रूप दें। ऐसे में सरकार की योजना एक-दो माह में इन कानूनों के क्रियान्वयन की है क्योंकि कंपनियों और प्रतिष्ठानों को नए कानूनों से तालमेल बैठाने के लिए कुछ समय देना होगा। सूत्र ने बताया कि कुछ राज्यों ने नियमों का मसौदा पहले ही जारी कर दिया है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड शामिल हैं। 

 

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