MCX seeks Sebi approval to re-launch potato contractsNew
नई दिल्ली। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) ने कहा है कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर आलू का वायदा अनुबंध फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए एमसीएक्स ने बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड से मंजूरी मांगी है।
कृषि सुधारों पर आयोजित वेबीनार में मजबूत कृषि कारोबार के लिए उद्योग की मांगपर बोलते हुए एमसीएक्स के बिजनेस डेवलपमेंट प्रमुख ऋषी नथानी ने कहा कि दाल और चीनी जैसी संवेदनशील कमोडिटी में हेजिंग की जरूरत है। हम जल्द ही आलू का वायदा अनुबंध शुरू कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आलू में वायदा अनुबंध को दोबारा शुरू करने के लिए एमसीएक्स ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड से मंजूरी के लिए आवेदन किया है। कुछ साल पहले एमसीएक्स पर आलू का वायदा अनुबंध खूब सफल रहा था, लेकिन फॉरवर्ड मार्केट कमीशन ने सितंबर, 2014 में एमसीएक्स पर आलू के वायदा अनुबंध पर प्रतिबंध लगा दिया। सेबी से पहले फॉरवर्ड मार्केट कमीशन ही कमोडिटी डेरीवेटिव को विनियमित करता था।
एमसीएक्स और इंडियन मर्चेंट्स चैम्बर द्वारा संयुक्तरूप से कृषि सुधारों पर आयोजित इस वेबीनार में आईटीसी ने विभिन्न कमोडिटी के मूल्य को हेज करने के लिए एक मजबूत हेजिंग प्लेटफॉर्म की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि लॉकडाउन जैसी स्थिति में क्रूड में 70 प्रतिशत, पॉम ऑयल में 30 प्रतिशत की गिरावट के साथ मक्का, गेहूं और आलू की कीमतों में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जिससे एफएमसीजी कंपनियों को बहुत नुकसान हुआ।
पश्चिम बंगाल में ताड़केश्वर, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में आगरा शीर्ष आलू ट्रेडिंग केंद्र हैं। यहां मजबूत वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग क्षेत्र में आलू की फसल का महत्व बहुत अधिक बढ़ रहा है। पेप्सी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ ही साथ कई घरेलू कंपनियां इसमें अपनी रुचि दिखा रही हैं।






































