नई दिल्ली: खनन क्षेत्र के सुधार रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में क्षेत्र के योगदान को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका अदा कर सकते हैं। उद्योग मंडल फिक्की ने यह राय जतायी है। फिक्की ने शनिवार को एक बयान में कहा कि खनन क्षेत्र के सुधार आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में बड़ा योगदान दे सकते हैं। एक दिन पहले ही लोकसभा ने खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) अधिनियम में संशोधन का विधेयक पारित किया है। फिक्की ने कहा कि वह हमेशा राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में खनन उद्योग का योगदान बढ़ाने की वकालत करता रहा है।
खनिजों की खोज, उत्पादन और घरेलू आपूर्ति, खनन कंपनियों के लिए वित्तीय दबाव को कम करने, क्षेत्र में निवेश आकर्षित कर और कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर कर जीडीपी में क्षेत्र के योगदान को बढ़ाया जा सकता है। फिक्की की खनन समिति के प्रमुख और एस्सल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक तुहिन मुखर्जी ने इन संशोधनों को देश की आर्थिक वृद्धि में खनन क्षेत्र के योगदान को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, ‘‘देश के खनन एवं खनिज क्षेत्र में इन सुधारों के साथ सरकार जीडीपी में क्षेत्र के योगदान को बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। साथ ही इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर होगी और क्षेत्र के लिए अनुकूल निवेश माहौल बनाया जा सकेगा।’’