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सरकार ने मच्‍छर मारने वाले रैकेट के आयात पर लगाया प्रतिबंध, घरेलू उद्योग को हो रहा था नुकसान

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 27, 2021 10:45 IST
Modi Govt bans import of mosquito killer racket and melon seeds - India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

Modi Govt bans import of mosquito killer racket and melon seeds 

नई दिल्‍ली। सस्‍ते आयात से घरेलू उद्योग को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को ऐसे मच्‍छर मारने वाले रैकेट (mosquito killer racket) के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनकी कीमत 121 रुपये प्रति रैकेट से कम है। सरकार ने यह कदम सस्‍ते रैकेट के इनबाउंड शिपमेंट को हतोत्‍साहित करने के लिए उठाया है। इस संबंध में डायरेक्‍टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने एक अधिसूचना भी जारी कर दी है।

डीजीएफटी ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि प्रति रैकेट सीआईएफ (कॉस्‍ट, इंश्‍योरेंस, फ्रेट) वैल्‍यू 121 रुपये से नीचे वाले मच्‍छर मारने वाले रैकेट के आयात को मुक्‍त श्रेणी से प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। एक अन्‍य अधिसूचना में डीजीएफटी ने मेलन सीड के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। अब यह उत्‍पाद प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है, जिसका मतलब है कि आयातक को इस उत्‍पाद का आयात करने के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस या मंजूरी लेनी होगी। डीजीएफटी ने कहा है कि मेलन सीड के आयात को मुक्‍त श्रेणी से हटाकर अब प्रतिबंधित श्रेणी में कर दिया गया है।

आयात शुल्क कम होने संबंधी अफवाहों से तेल तिलहन कीमतों में गिरावट

विदेशी बाजारों में सामान्य कारोबार के बीच स्थानीय वायदा बाजार में सट्टेबाजों द्वारा आयात शुल्क कम किए जाने संबंधी अफवाहों के कारण दिल्ली तेल तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों, सोयाबीन सहित विभिन्न तेल तिलहनों की कीमतों में नरमी का रुख देखने को मिला। बाजार सूत्रों ने कहा कि सट्टेबाजों ने आयात शुल्क कम किए जाने की अफवाहें फैलाकर बाजार में अफरा तफरी पैदा की जिससे विभिन्न खाद्य तेलों के भाव दबाव में आ गए। उन्होंने कहा कि सूरजमुखी की जारी बिजाई और एक डेढ़ महीने में सोयाबीन की बिजाई के पहले इस तरह की अफवाहें थोक विक्रेताओं और किसानों को नुकसान पहुंचाने के साथ उन्हें हतोत्साहित करती हैं। उन्होंने कहा कि बाजार की कुछ ताकतें तेल तिलहन उत्पादन के मामने में भारत की आत्मनिर्भता नहीं चाहतीं। उनका हित शिकागो और मलेशिया से होने वाले आयात से जुड़ा है।

सूत्रों ने कहा कि इन्हीं लोगों ने, हाजिर बाजार में सोयाबीन रिफाइंड तेल के भाव के मुकाबले वायदा कारोबार में इस तेल का भाव लगभग 500 रुपये क्विन्टल नीचे चला रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे निहित स्वार्थ वाले सट्टेबाजों पर लगाम कसनी होगी । अफवाहों के कारण सरसों, सोयाबीन, बिनौला और पामोलीन दिल्ली तेल कीमतों में गिरावट आई। बाकी सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

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