नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार बिजली वितरण क्षेत्र में समस्याओं को दूर करने के लिये काम कर रही है तथा इसमें काम कर रही कंपनियों के लिये नीति एवं नियामकीय व्यवस्था जल्द जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि नियमन और प्रक्रियाओं में पहले के सुधारों से बिजली क्षेत्र काफी बेहतर हुआ है। बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बजट प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर परामर्श के लिये आयोजित वेबिनार (इंटरनेट के जरिये आयोजित सेमिनार) में उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को किसी भी अन्य खुदरा वस्तुओं की तरह प्रदर्शन के आधार पर अपने बिजली आपूर्तिकर्ता को चुनने का अधिकार होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बिजली को उद्योग के हिस्से के रूप में नहीं बल्कि इसे एक अलग क्षेत्र के रूप में देखती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पिछले छह साल में ढाई गुना बढ़ी है जबकि सौर ऊर्जा क्षमता में 15 गुना की बढ़ोतरी हुई है। मोदी ने कहा, ‘‘इस साल के बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को लेकर जो प्रतिबद्धता जतायी गयी है, वह अप्रत्यशित है। इसका पता हाइड्रोजन मिशन, सौर सेल का घरेलू स्तर पर विनिर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़े स्तर पर पूंजी डाले जाने की घोषणा से लगता है।’’ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उच्च दक्षता का सौर पीवी मॉड्यूल्स इसका हिस्सा है और सरकार इसमें 4,500 करोड़ रुपये निवेश को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने योजना को अच्छी प्रतिक्रया मिलने की उम्मीद जतायी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारी कंपनियां विनिर्माण के लिहाज से दुनिया में अगुवाई करें। वे न केवल घरेलू मांग को पूरा करे बल्कि वैश्विक जरूरतों को भी पूरा करें।’’
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प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) में 1,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की प्रतिबद्धता जतायी है। इसी प्रकार, भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) को 1,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश मिलेगा। इससे सेकी 17,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में निवेश कर सकेगी। उन्होंने कहा कि इरेडा में निवेश से एजेंसी 12,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज दे सकेगी।
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