नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 2018-19 की चौथी तिमाही में 838.40 करोड़ रुपए का एकल शुद्ध लाभ दर्ज किया है। फंसे कर्ज या गैर-निष्पादित परिंसपत्तियों (एनपीए) का स्तर नीचे आने से बैंक को लाभ कमाने में मदद मिली है। बैंक को वित्त वर्ष 2017-18 की जनवरी-मार्च तिमाही में 7,718.17 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था।
बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि इस बार मार्च तिमाही में उसकी एकल आय करीब 11 प्रतिशत बढ़कर 75,670.50 करोड़ रुपए रही। एक साल पहले की इसी अवधि में एकल आय 68,436.06 करोड़ रुपए थी।
पूरे वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) 2018-19 में बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ 3,069.07 करोड़ रुपए रहा, जबकि 2017-18 में उसे 4,187.41 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था। इस दौरान एसबीआई की सभी कंपनियों से एकीकृत आय 3.30 लाख करोड़ रुपए रही, जो 2017-18 में 3.01 लाख करोड़ रुपए थी।
आलोच्य अवधि में एसबीआई के ऋणों की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया। मार्च 2019 के अंत तक बैंक का सकल एनपीए घट कर सकल कर्ज के 7.53 प्रतिशत के बराबर रहा। मार्च 2018 के अंत में एसबीआई का सकल एनपीए 10.91 प्रतिशत था। इस दौरान शुद्ध एनपीए का स्तर भी घट कर 3.01 प्रतिशत रह गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 5.73 प्रतिशत था।