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भारत को मुद्रा निगरानी सूची से बाहर कर सकता है अमेरिका, कुछ बड़ी चिंताएं हुईं दूर

अमेरिका भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से हटा सकता है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत ने ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिससे उसकी कुछ बड़ी चिंताएं दूर हुई हैं।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 18, 2018 19:57 IST
PM Modi with Trump- India TV Paisa
Photo:PM MODI WITH TRUMP

PM Modi with Trump

वॉशिंगटन। अमेरिका भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से हटा सकता है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत ने ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिससे उसकी कुछ बड़ी चिंताएं दूर हुई हैं। अमेरिका उन देशों को निगरानी सूची में रखता है, जिनकी विदेशी विनिमय दर पर उसे शक है। अप्रैल में अमेरिका ने भारत के साथ चीन, जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड को निगरानी सूची में डाला था। 

वित्त मंत्रालय ने अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत को इस सूची में बनाए रखा है। हालांकि उसने कहा कि यदि भारत उसी तरह की गतिविधियां जारी रखता है, जो उसने पिछले छह महीने में की हैं तो अगली द्वि-वार्षिक रिपोर्ट में उसका नाम सूची से हटाया जा सकता है। 

मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की गतिविधियों में स्पष्ट रूप से बदलाव आया है। उसके केंद्रीय बैंक की जून 2018 तक विदेशी मुद्रा खरीद शुद्ध रूप से कम होकर 4 अरब डॉलर रह गई। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.2 प्रतिशत के बराबर है। उसने कहा कि 2017 की तुलना में इसमें काफी बदलाव आया है। इस दौरान पहली तीन तिमाहियों (सितंबर तक) में उसकी विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद जीडीपी के दो प्रतिशत से अधिक थी। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल के पहले छह महीने के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार से निकासी की। पहले छह महीने में रुपया डॉलर के मुकाबले करीब सात प्रतिशत और वास्तविक आधार पर चार प्रतिशत से अधिक गिर गया है। 

अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष (यानी अमेरिका का व्यापार घाटा) जून 2018 तक 23 अरब डॉलर है लेकिन भारत के चालू खाते का घाटा जीडीपी का 1.9 प्रतिशत हो गया है। इसमें कहा गया है कि चालू खाते के घाटे के बढ़ने की वजह सोना और पेट्रोलियम पदार्थों का आयात है। 

वित्त मंत्रालय ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप भारत तीन में से सिर्फ एक मानदंड को पूरा कर पाया है। यदि अगली रिपोर्ट तक भारत का यह रुख बरकरार रहता है तो उसे निगरानी सूची से हटा दिया जाएगा। मंत्रालय ने भारत के विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप नहीं करने की प्रशंसा की है। उसने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि रुपए की विनिमय दर में गिरावट बाजार-आधारित है और अनुचित उतार-चढ़ाव की स्थिति में ही हस्तक्षेप किया जाएगा।

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