Thursday, April 18, 2024
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Dream Budget: 1997 के बजट को क्यों कहा गया ड्रीम बजट ? जानिये इसकी हिस्ट्री

देश का वार्षिक बजट जल्द ही आने वाला है, वहीं यह बजट जल्द ही आपके समक्ष होगा। दूसरी ओर वैसे तो हर साल बजट प्रस्तुत होते रहते हैं लेकिन सबसे अधिक चर्चा में सन 1997 का बजट आया था, जिसे ड्रीम बजट का नाम दिया गया था।

India TV Paisa Desk Edited By: India TV Paisa Desk
Updated on: January 28, 2023 13:03 IST
Budget 1997 why called dream budget, know the important facts- India TV Paisa
Photo:CANVA बजट- 1997 की क्यों हुई थी अधिक चर्चा, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

Dream Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांचवी बार देश का आम बजट प्रस्तुत करने जा रही हैं, वह यह बजट आगामी 1 फरवरी, 2023 को संसद में पेश करेंगी। इसके साथ ही इस बजट को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर करके तैयार किया जा रहा है, जिसके चलते लोंगो को कुछ खास तोहफे इस बजट में मिल सकते हैं। वहीं सन 1197 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट किया था, जिसकी चर्चा खूब हुई थी, इसके साथ ही इस बजट को भारत का ड्रीम बजट भी कहा जाता है। बता दें कि इस बजट में वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कारपोरेट टैक्स और इनकम टैक्स में भारी कटौती की थी, जिसकी चर्चा काफी अधिक हुई थी। वहीं आज हम आपको ड्रीम बजट से जुड़ी उन्हीं महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। 

ड्रीम बजट में तैयार किया गया था इकोनॉमिक रिफॉर्म का बड़ा रोडमैप

आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक चर्चा सन 1997 में पेश हुये ड्रीम बजट ने ही बटोरी है, बता दें कि इस बजट में कई तरह की खूबियों के चलते ही इसे ड्रीम बजट का नाम दिया गया था। वहीं सन 1997 में यह बजट 28 फरवरी को पेश किया गया था, जिसमें सरकार ने देश के इकॉनोमिक रिफॉर्म का लंबा रोडमैप तैयार किया था। 

लॉन्च हुई थी यह स्कीम

बता दें कि इस बजट में काले धन को सामने लाने के लिये वॉलंटियरी डिस्क्लोजर ऑफ इनकम स्कीम को पेश किया गया था, जिसके जरिये महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों की अपेक्षा जताई जा रही थी। वहीं यह बजट ठीक तरह से काम नहीं कर पाया था कि क्योंकि वर्तमान देवगौड़ा सरकार कुछ ही दिनों बाद गिर गयी थी। 

कारपोरेट टैक्स पर घटाया गया था सरचार्ज

वहीं सन 1997 में पेश हुये बजट में टैक्स प्रावधान को तीन अलग स्लैब में बांट दिया गया था, जिसमें कारपोरेट टैक्स पर सरचार्ज को घटा दिया गया था। वहीं इन सुधारों के फलस्वरूप लोगों की आय भी बढ़ी थी, जिसका खुलासा कुछ दिनों बाद हुआ था। बता दें कि उस समय सरकार की पसर्नल इनकम टैक्स आय 18,700 करोड़ रुपये हुई थी, जिसे ड्रीम बजट के बेहतर सुधारों के रूप में देखा जाता है।

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