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भारत की डिजिटल क्रांति को मिले पंख, पिछले एक साल के आंकड़े देख RBI खुद हैरान

Online Payment System: भारत के पेमेंट इकोसिस्टम की दुनिया फैन हो गई है। हम भारतीय इतना अधिक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर रहे हैं कि दुनिया के दूसरे देश हमसे इस सिस्टम की मांग कर रहे हैं।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published : Mar 06, 2023 23:02 IST, Updated : Mar 07, 2023 6:16 IST
India's Digital Revolution- India TV Paisa
Photo:FILE भारत की डिजिटल क्रांति को मिली पंख, हुआ रिकॉर्ड पेमेंट

India's Digital Revolution: भारत दुनिया के उन देशों में अब गिना जाता है, जहां लोग सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट करते हैं। केंद्र सरकार ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। इसका परिणाम भी अब सामने आने लगा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि यूपीआई (एकीकृत भुगतान इंटरफेस) के माध्यम से भुगतान के दैनिक लेनदेन में एक साल में 50 प्रतिशत का उछाल आया है और यह 36 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। फरवरी, 2022 में यह आंकड़ा 24 करोड़ था। यहां आरबीआई मुख्यालय में डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह की शुरुआत करते हुए गवर्नर ने बताया कि मूल्य के लिहाज से देखें तो ये लेनदेन 6.27 लाख करोड़ रुपये के बैठते हैं। फरवरी 2022 में दर्ज 5.36 लाख करोड़ रुपये से यह आंकड़ा 17 प्रतिशत ऊंचा है। उन्होंने कहा कि कुल मासिक डिजिटल भुगतान लेनदेन पिछले तीन माह से हर बार 1,000 करोड़ रुपये के आंकड़ों को पार कर रहा है।

यूपीआई और पेनाउ एक पॉजिटिव संकेत

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जबसे यूपीआई और सिंगापुर की पेनाउ के बीच समझौता हुआ है, कई अन्य देशों ने भी भुगतान के लिए ऐसा समझौता करने की इच्छा जाहिर की है। गवर्नर ने बताया कि कम से कम आधा दर्जन देश ये समझौते करेंगे। यहां आरबीआई के डिजिटल भुगतान जागरूरता सप्ताह की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि यूपीआई-पेनाउ के समझौते को 10 दिन हुए हैं। इस दौरान सिंगापुर से पैसा भेजने के 120 और सिंगापुर को पैसा भेजने के 22 लेनदेन हुए हैं। दास ने कहा, “हमने अपनी भुगतान प्रणाली के अंतरराष्ट्रीयकरण और भारत-सिंगापुर के द्रुत भुगतान तंत्र का सीमापार लिकेंज के लिए कई कदम उठाए हैं।

जानें यूपीआई और PayNow में कितना अंतर?

UPI या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक इंस्टेंट पेमेंट सर्विस है, जो मोबाइल नंबर के माध्यम से चंद सेकेंड में एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पेमेंट ट्रांसफर कर देता है। यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया था, जो वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) के निर्माण के माध्यम से बैंक खाता विवरण शेयर करने के जोखिम को समाप्त करता है। यह पर्सन-टू-पर्सन (P2P) और पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) भुगतान दोनों को सपोर्ट करता है। UPI की तरह ही सिंगापुर में PayNow की सर्विस है। यूजर्स मोबाइल नंबर के साथ एक बैंक या ई-वॉलेट खाते से दूसरे खाते में रकम भेजते और प्राप्त करते हैं। यह पीयर-टू-पीयर भुगतान लिंकेज देश में भाग लेने वाले बैंकों और गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों (एनएफआई) के माध्यम से काम करता है।

UPI-PayNow के बीच लिंकेज कैसे करेगा काम?

  1. यह मोबाइल नंबर के जरिए ही पेमेंट एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करेगा, जो भारत से सिंगापुर के बीच होगा।
  2. दोनों देशों के लोग क्यूआर-कोड आधारित या केवल बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को दर्ज करके रियल टाइम में पेमेंट भेज सकेंगे। 
  3. इसके लिए आपको किसी खास ऑप्शन को इनेबल नहीं करना होगा। अगर आपके पास पेनाउ के किसी यूजर का क्यूआर कोड या नंबर है तो आप पेमेंट भेज सकेंगे।
  4. सिंगापुर भारत के लिए दुनिया के टॉप-4 मार्केट में से एक है, जहां ढ़ेर सारे भारतीय रहते हैं। आरबीआई ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच सीमा पार भुगतान के लिए नेक्स्ट जेन के बुनियादी ढांचे के विकास में लिंकेज एक मील का पत्थर साबित होगा। यह तेजी से सस्ता और अधिक पारदर्शी सीमा पार भुगतान चलाने की जी20 की वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं को फॉलो करेगा। 

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