
मूडीज रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि भारत को अमेरिकी टैरिफ से कोई नुकसान नहीं होगा और भारतीय इकोनॉमी मजबूत बनी रहेगी। मूडीज ने कहा, 'भारत की बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था, निर्यात पर कम निर्भरता और घरेलू खपत को बढ़ावा देने, मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी का विस्तार करने तथा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने की सरकारी पहल से वैश्विक व्यापार जोखिमों को कम करने में मदद मिलेगी। इससे महंगाई में कमी आएगी और मजबूत बैंकिंग लिक्विडिटी का सपोर्ट मिलेगा।
पाकिस्तान को नुकसान
उभरते बाजारों पर अपनी रिपोर्ट में मूडीज ने कहा कि अमेरिकी नीतिगत बदलावों और वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत के इंटरनल ग्रोथ ड्राइवर्स अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत के बीच हालिया तनाव का पाकिस्तान की ग्रोथ पर भारत की तुलना में अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
क्यों मजबूत है हमारी इकोनॉमी?
रिपोर्ट में कहा गया, "केंद्र सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च GDP ग्रोथ को सपोर्ट कर रहा है, जबकि पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती खपत को बढ़ा रही है। वस्तुओं के व्यापार पर भारत की सीमित निर्भरता और इसका मजबूत सर्विस सेक्टर अमेरिकी टैरिफ के लिए शमनकारी हैं।" इसमें आगे कहा गया है, "अगर व्यापार वार्ता से अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत पर कम टैरिफ लगता है, तो भारत-निर्मित वस्तुओं को अमेरिकी डिमांड में वृद्धि से भी लाभ हो सकता है। वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, भारत का सुदृढ़ बैंकिंग बाजार और स्थिर ऋण स्थितियां इसकी आर्थिक ताकत को रेखांकित करती हैं।"
यहां आकर्षित होगा पूंजी निवेश
हालांकि, मूडीज ने चेतावनी दी कि वैश्विक आर्थिक और ऋण स्थितियों में और गिरावट का भारत पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस बीच, रेटिंग एजेंसी ने अगले पांच से सात वर्षों में भारत में बिजली, परिवहन और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूत मांग से महत्वपूर्ण पूंजी निवेश आकर्षित होने की उम्मीद जताई। इसमें कहा गया है, "अमेरिकी टैरिफ का अधिकांश इंफ्रास्ट्रक्चर सब सेक्टर्स पर प्रभाव कम होने की संभावना है, क्योंकि वे ज्यादातर घरेलू मांग को पूरा करते हैं और सहायक नियामक या संविदात्मक व्यवस्थाओं से लाभान्वित होते हैं।"