अगर आप पहली बार बैंक से लोन लेने का सोच रहे हैं और आपका CIBIL स्कोर नहीं है या बहुत कम है, तो अब आपकी टेंशन दूर हो सकती है। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साफ किया है कि पहली बार लोन लेने वालों के लिए न्यूनतम CIBIL स्कोर अब अनिवार्य नहीं रहेगा। यानी अब कोई भी बैंक सिर्फ इसलिए आपका लोन रिजेक्ट नहीं कर सकता कि आपके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है।
RBI ने 6 जनवरी 2025 को जारी मास्टर डायरेक्शन में बैंकों को यह सलाह दी है कि पहली बार लोन के लिए आवेदन करने वालों की फाइल केवल इसलिए खारिज न की जाए क्योंकि उनके पास कोई क्रेडिट रिकॉर्ड नहीं है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि यह कदम उन लाखों लोगों के लिए राहत की खबर है जो पहली बार होम, कार या पर्सनल लोन लेना चाहते हैं।
फीस और मुफ्त रिपोर्ट की सुविधा
कई लोग शिकायत करते थे कि CIBIL रिपोर्ट निकालने के लिए बड़ी रकम वसूली जाती है। इस पर वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि कोई भी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी 100 रुपये से ज्यादा फीस नहीं वसूल सकती। साथ ही, RBI ने निर्देश दिया है कि हर व्यक्ति साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में प्राप्त कर सकता है। यह नियम 1 सितंबर 2016 से लागू है।
CIBIL स्कोर क्या है?
CIBIL स्कोर या क्रेडिट स्कोर तीन अंकों की संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह संख्या जितनी ज्यादा होगी, आपकी क्रेडिट योग्यता उतनी ही मजबूत मानी जाएगी और लोन अप्रूवल के आसार बढ़ जाते हैं। वहीं, आपके बैंक लोन या क्रेडिट कार्ड से जुड़े भुगतान रिकॉर्ड को क्रेडिट रिपोर्ट कहा जाता है।
लोन मिलेगा, लेकिन जांच जरूरी
पहली बार लोन लेने वालों के लिए CIBIL स्कोर जरूरी नहीं है, लेकिन बैंक को अपनी ड्यू डिलिजेंस करनी होगी। इसमें आवेदक के फाइनेंशियल बिहेवियर, पिछली किस्तों का रिकॉर्ड, लोन सेटल या री-स्ट्रक्चर का विवरण, देरी से भुगतान या बकाया लोन जैसी जानकारियां शामिल होंगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोग भी जिम्मेदारी के साथ लोन का उपयोग करें।






































