जरा सोचिए, आपने 4-5 महीने नया स्मार्टफोन खरीदा था और एक दिन अचानक आपका अच्छा-खासा स्मार्टफोन चलते-चलते काम करना ही बंद कर देगा। जी हां, भविष्य में ऐसा हो सकता है। लेकिन ऐसा कब और क्यों होगा, हम यहां आपको पूरी डिटेल्स बताएंगे। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लोन की रिकवरी को लेकर कुछ नए नियमों पर विचार कर रहा है। आरबीआई बैंकों और फाइनेंशियल कंपनियों को ऐसी शक्तियां देने पर विचार कर रहा है, जिसके तहत EMI के भुगतान में देरी होने पर लोन पर खरीदे गए मोबाइल फोन को रिमोटली लॉक कर सकेंगी।
कंज्यूमर लोन में बढ़ते डिफॉल्ट के मामलों पर रोक लगाना उद्देश्य
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई छोटे अमाउंट वाले कंज्यूमर लोन में बढ़ते डिफॉल्ट के मामलों पर रोक लगाने के लिए ये नए नियम लागू कर सकता है। इसके लिए लोन पर खरीदे गए फोन में एक ऐप होगा, जिसके जरिए बैंक या फाइनेंशियल कंपनियां EMI का भुगतान न होने की स्थिति में स्मार्टफोन को लॉक कर सकेंगी। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक यूजर के डेटा और प्राइवेसी के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं होने देना चाहता है। योजना के मुताबिक, बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां ग्राहक के फोन बंद कर सकती हैं, उनके डेटा या प्राइवेसी के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी नहीं कर सकती हैं। इसी तरह का नियम लैपटॉप और ऐसे अन्य गैजेट्स पर भी लागू किया जा सकता है।
फोन, लैपटॉप के लिए दिए जाने वाले लोन में भी करना होगा बदलाव
बताते चलें कि मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसे गैजेट्स के लिए जो लोन मिलता है वो कोलेटरल-फ्री होता है। यही वजह है कि ऐसे लोन की ब्याज दरें 14 से लेकर 16 प्रतिशत तक होती हैं क्योंकि इन्हें असुरक्षित लोन माना जाता है। अगर डिवाइस लॉक करने जैसा नियम बनता है तो फिर ऐसे गैजेट्स पर दिए जाने वाले लोन की कैटेगरी पर भी काम करना होगा और इन्हें भी होम लोन, ऑटो लोन की तरह सुरक्षित लोन वाली कैटेगरी में शामिल करना होगा। अगर ये लोन सुरक्षित कैटेगरी में आते हैं तो इससे ब्याज दरों में भी गिरावट आ सकती है।



































