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नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाए, इससे रियल्टी सेक्टर को राहत मिलेगी और होम बायर्स को उनका घर

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए क्रेडाई-एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा कि न्यायालय के आदेश को वापस लेने से अस्पष्टता और बाद में ब्याज दरों के प्रमुख मुद्दे पर गतिरोध दूर हो गया।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: November 09, 2022 7:14 IST
रियल्टी सेक्टर- India TV Paisa
Photo:PTI रियल्टी सेक्टर

रियल्टी कंपनियों के एसोसिएशन क्रेडाई-एनसीआर ने मांग की है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरणों भूमि के एवज में सभी बकाया भुगतान के लिए एकमुश्त निपटान योजना (वन टाइम सेटलमेंट स्कीम) लेकर आए। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम में बिल्डर एक बार में पैसा देगा और उसे पूरे कर्ज से मुक्ति मिलेगी। इसमें स्कीम के तहत अथॉरिटी बिल्डर को रियायत देगा जो एक मुश्त बकाया का भुगतान करेंगे। इससे बिल्डर को कर्ज चुकाने भी राहत मिलेगी और होम बायर्स को उनका घर। एसोसिएशन का सुझाव उच्चतम न्यायालय द्वारा 10 जून, 2020 के अपने आदेश को वापस लेने के बाद आया है। इस आदेश में विभिन्न बिल्डरों को पट्टे पर दी गई भूमि के बकाये पर ब्याज की दर की सीमा आठ प्रतिशत निर्धारित की गई थी, जिसे वापस ले लिया है। इसके बाद बिल्डर को जमीन के पट्टे के लिए बकाये रकम पर 15 से लेकर 23 फीसदी तक ब्याज चुकान होगा। 

कई रियल एस्टेट कंपनियां हो जाएंगी दिवालिया 

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए क्रेडाई-एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा कि न्यायालय के आदेश को वापस लेने से अस्पष्टता और बाद में ब्याज दरों के प्रमुख मुद्दे पर गतिरोध दूर हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन प्राधिकरण को ब्याज दर और जिस तरह से यह इसे बिल्डरों पर लगाया जाता है, उसपर पुनर्विचार करना चाहिए। यह न केवल उच्च ब्याज दर है, बल्कि दंडात्मक ब्याज भी है।’’ गौड़ ने यह भी चिंता व्यक्त की कि इससे कई रियल एस्टेट परियोजनाएं दिवालिया हो सकती हैं। उल्लेखनीय है कि10 जून, 2020 को नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्रों में रियल एस्टेट कंपनियों को उस समय बहुत जरूरी राहत मिली थी, जब शीर्ष अदालत ने भूमि के बकाया पर लगाये जाने वाले 15 से 23 प्रतिशत की ब्याज दर को आठ प्रतिशत पर सीमित कर दिया था। हालांकि, सोमवार को शीर्ष अदालत ने अपने पिछले साल के आदेश को वापस ले लिया है। 

घर खरीदारों की रक्षा करना सबसे जरूरी 

अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 8 फीसदी ब्याज का कैप खत्म करने का सबसे ज्यादा असर घर खरीदारों पर पड़ेगा। उनको फ्लैट की चाबी मिलने में देरी हो सकती है। ऐसा इसलिए कि महामारी से उबरकर इस त्योहारी सीजन में रियल एस्टेट सेक्टर पटरी पर लौटा ही है। आगे और बेहतर माहौल की उम्मीद कर रहे थे। डेवलपर्स भी घर की मांग को देखते हुए तेजी से अटके प्रोजेक्ट का काम पूरा कर रहे थे। ब्याज दर का कैप हटाने से डेवलपर्स पर बहुत बड़ा वित्तीय बोझ बढ़ेगा। वहीं, दूसरी ओर रॉ-मैटेरियल्स के दाम में बड़ी बढ़ोतरी से निर्माण लागत बढ़ गई है। इससे बहुत सारे प्रोजेक्ट का काम अटक सकता है। ऐसा न हो इसके लिए जरूरी है कि उत्तर प्रदेश सरकार दखल दे और अटके प्रोजेक्ट का काम पूरा कर रहे डेवलपर्स को रियायत मुहैया कराए। इससे लाखों घर खरीदारों को उनके घर की चाबी देने का सपना पूरा हो पाएगा। अथॉरिटी की ओर से रियायत मिलने से प्रोजेक्ट का काम करना आसान होगा। 

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